- सूर्य प्रताप शाही बोले : अपने समय में चूक गये लोग न उठाएं एमएसपी पर सवाल
- पीएम किसान सम्मान निधि के छूटे पात्रों के लिए मई में चलेगा संतृप्तीकरण अभियान
- अबकी 2125 रुपये की दर से गेहूं और आलू की 650 रुपये की दर से करेंगे खरीद
सुरोजीत चटर्जी
वाराणसी। सूबे के लगभग 2.10 लाख हेक्टेयर ऊसर, बंजर, परती या नदियों के तट पर बेकार पड़ी जमीनों को भूमि संरक्षण विभाग के जरिये 2024 तक खेती योग्य बना दिया जाएगा। इसके लिए करीब 560 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। दूसरी ओर, अबकी आलू की सरकारी खरीद 650 रुपये प्रति कुं. की दर से और गेहूं की खरीद 2125 रुपये की दर से होगी। भाजपा सरकार में तय विभिन्न फसलों एमएसपी पर विपक्षी दलों को सवाल उठाने का हक नहीं है क्योंकि वह चूक गये हैं। यदि वह अपने समय में इस दिशा में पहल करते तो आज किसान काफी तरक्की कर चुके होते। इधर, पीएम किसान सम्मान निधि में छूटे हुए पात्रों को स्कीम में शामिल करने के लिए आगामी दस मई से 31 मई तक संतृप्तीकरण अभियान चलेगा।
फसलों की एमएसपी पूर्व की अपेक्षा डेढ़ से दो गुना तक बढ़ायी
सर्किट हाउस सभागार में सोमवार को प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने पत्रकार वार्ता के दौरान यह कहा। उन्होंने बताया शासन यूपी में पं. दीनदयाल किसान समृद्धि योजना के जरिये ऊसर, बंजर या उपेक्षित भूमि के पुनरोद्धार की दिशा में उल्लेखनीय पहल कर रहा है। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के हित में विभिन्न फसलों की एमएसपी पूर्व की अपेक्षा डेढ़ से दो गुना तक बढ़ायी है। इसलिए एसएसपी की आलोचना करना उचित नहीं है। उन्होंने बताया कि बेमौसम के आंधी-पानी से सर्वाधिक नुकसान ललितपुर, अंबेडकर नगर, बुलंदशहर और प्रतापगढ़ में हुआ। उन्होंने बताया कि ऐसे मौसम के चलते मृत दस लोगों के आश्रित परिवारों को तत्काल 4-4 लाख रुपये की आर्थिक मदद उपलब्ध करा रहे हैं। जिन बीमित किसानों की फसलें ओलावृष्टि से नष्ट हुई हैं वह व्यक्तिगत रूप से बैंक और बीमा कंपनी को आवेदन दें। बीते शनिवार को आये आंधी-पानी के हुए क्षति का आंकलन कराया जा रहा है। रविवार को आए तूफान और बारिश से फसलों को पहंचे नुकसान का भी सर्वे कराया जाएगा। श्री शाही ने बताया कि जिन जिलों में दलहन-तिलहन फसलों की दस हजार हे. से अधिक की खेती हुई है वहां प्राथमिकता के आधार पर सरकार क्रय केंद्र स्थापित करेंगे।