Uttarkashi: इंतज़ार की घड़ियां समाप्त हुईं। देशवासी जिस घटना क्रम पर अपनी नजरें जमाए बैठे हुए थे। वह सफल हो गया है। उत्तरकाशी के सिलक्यारा में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित रूप से सुरंग से बाहर निकाल लिया गया है।
बताया गया कि रेस्क्यू ऑपरेशन [Uttarkashi] में पाइप मलबे के आर-पार हो गई। यानी श्रमिकों को निकालने का रास्ता साफ़ हो गया। इसके बाद बचावकर्मी धड़ाधड़ सुरंग में उतरने लगे। 17 दिनों का ऑपरेशन समाप्त हुआ। 41 जानों को बचाने के इस रेस्क्यू ऑपरेशन से पूरा देश जुड़ा हुआ था। मजदूरों के बाहर आते ही सुरंग के बाहर भावनाओं का सैलाब उमड़ पड़ा। मजदूरों के इंतज़ार में खड़े परिजनों के आंखों से आंसू निकल पड़े। इस दौरान ‘भारत माता की जय’ और ‘जय श्री राम’ के नारे भी लगे।
इन मजदूरों के इंतज़ार में जो दीवाली सूनी रह गई थी, उसकी पूरी कसर मिटाई गई। जोरदार आतिशबाजी हुई। तालियों की गडगडाहट से समां गूंज गया। इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर दो हफ़्तों से पूरे देश की नजरें गड़ी हुई थी।
Uttarkashi: कई चुनौतियां, लेकिन सफलता थामे रही दामन
यह ऑपरेशन दुनिया का सबसे मुश्किल ऑपरेशन [Uttarkashi] बताया जा रहा था। आज सुबह से ही सुरंग के बाहर गहमागहमी थी। इस दौरान कई चुनौतियां आईं लेकिन सफलता पर पूरा यकीन था। लेकिन जश्न मनाने की जल्दी नहीं थी। जैसे ही इस रेस्क्यू को हरी झंडी मिली, सीएम पुष्कर धामी ने इसकी पुष्टि करने में देरी नहीं लगाई। उन्होंने फ़ौरन लोगों को यह खुशखबरी दी। चारधाम यात्रा मार्ग बन रही सुरंग का एक हिस्सा बीते 12 नवम्बर को ढह गया था। इसमें 41 मजदूर फंस गए थे। तब से यह रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार सुर्ख़ियों में था। इस सफलता पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी ट्वीट कर ख़ुशी जताई है।
‘उत्तरकाशी में हमारे श्रमिक भाइयों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है। टनल में जो साथी फंसे हुए थे, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है। मैं आप सभी की कुशलता और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं। मैं इस बचाव अभियान से जुड़े सभी लोगों के जज्बे को भी सलाम करता हूं। इस मिशन में शामिल हर किसी ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम की है।’
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी