वाराणसी (Varanasi) में आज उदार भाव का एक ऐसा उदहारण पेश हुआ जिसे सुनकर आपके भी मुंह से निकलेगा वाह….कैंसर पीड़ित बालक को बनाया एक दिन का एडीजी जोन। जी हां वाराणसी जोन के एडीजी पीयूष मोर्डिया ने UKG के एक छात्र जिसे अंतिम स्टेज का कैंसर है। उसे एक दिन का एडीजी जोन बनाया है। कैंसर पीड़ित सात साल के प्रभात कुमार रंजन की इच्छा पर उसे एक दिन का एडीजी जोन बनाया गया। मंगलवार को प्रभात ने सशस्त्र बल के साथ एडीजी का चार्ज लिया।
पूरी प्रक्रिया के बीच आफिस में पुलिसकर्मियों और गारद ने सलामी दी। एक दिन के एडीजी ने कार्यालय और परेड का निरीक्षण किया। तस्वीरों में आप साफ़ तौर पर देख सकते हैं कि किस प्रकार से पुलिसकर्मियों के साथ इस सात साल के बच्चे ने एडीजी का कार्यभार संभाला है।
टाटा मेमोरियल सेंटर में चल रहा इलाज
दरअसल, बिहार के सुपौर जिले के तेकुना (प्रतापगंज) निवासी रंजीत कुमार दास के पुत्र प्रभात सात साल का है और वह ब्रेन के कैंसर से अंतिम स्टेज से पीड़ित हैं। वाराणसी (Varanasi) के लहरतारा स्थित टाटा मेमोरियल सेंटर के अस्पताल में प्रभात का इलाज चल रहा है। मेक ए विश नामक संस्था की ओर से गंभीर रूप से पीड़ित बच्चों की इच्छाओं को पूरा कराया जाता है।
Varanasi: बड़ा होकर बनना चाहता है IPS ऑफिसर
संस्था के सदस्यों ने कैंसर हॉस्पिटल में प्रभात से मुलाकात की तो उसने आईपीएस बनने की इच्छा जाहिर की थी। इसकी जानकारी होने पर एडीजी जोन पीयूष मोर्डिया (Varanasi) ने मंगलवार को बच्चे को उसके पिता रंजीत और मां संजू के साथ बुलाया, साथ में एनजीओ के लोग भी रहे। बताया कि बच्चे की इच्छा है कि वह बड़ा होकर आईपीएस अफसर बनेगा।

एडीजी पीयूष मोर्डिया अपने कार्यों से दरियादिली दिखाई। बच्चे का सपना पूरा किया। एक दिन का कार्य प्रभार कैंसर पीड़ित सात साल के प्रभात कुमार रंजन के पास रहा। मंगलवार को एडीजी जोन ने चार्ज लेने के बाद आईपीएस पीयूष मोर्डिया ने छात्र प्रभात को गुलदस्ता भेंट किया। कार्यालय के सभी पुलिसकर्मी प्रभात से मिले और सलामी दी।