वाराणसी। केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 के विरोध में शुक्रवार को वाराणसी के वकीलों ने जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। विरोध स्वरूप अधिवक्ताओं ने पूरे दिन न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया। बाद में संयुक्त बार एसोसिएशन की ओर से प्रधानमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन एसीएम द्वितीय को सौंपा गया।
पूरे कचहरी परिसर में निकाला गया जुलूस
वकीलों ने कचहरी परिसर का चक्रमण कर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने बांह पर काली पट्टी बांधकर सरकार के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त किया। कलेक्ट्रेट स्थित डीएम ऑफिस के बाहर जुटे अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि उनके अधिकारों से छेड़छाड़ की गई, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।

वकीलों का आरोप – सरकार अभिव्यक्ति दबाने की कोशिश कर रही
वकीलों का कहना था कि केंद्र सरकार अधिवक्ताओं को न तो पर्याप्त सुरक्षा और सुविधाएं उपलब्ध करा रही है, न ही उनकी आवाज को सुन रही है। बल्कि, यह बिल उनकी अभिव्यक्ति को दबाने का प्रयास कर रहा है।
बार काउंसिल के आह्वान पर प्रदर्शन
बार काउंसिल के आह्वान पर शुक्रवार सुबह अधिवक्ता सेंट्रल बार सभागार में एकत्र हुए और वहां से नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। डीएम ऑफिस के पोर्टिको के नीचे वकीलों ने जोरदार प्रदर्शन किया।
Highlights
कई प्रमुख अधिवक्ता प्रदर्शन में हुए शामिल
इस विरोध प्रदर्शन में सेंट्रल बार अध्यक्ष मंगलेश दूबे, बनारस बार अध्यक्ष सतीश तिवारी, महामंत्री द्रव राजेश गुप्ता व शशांक श्रीवास्तव, बार काउंसिल के सदस्य विनोद कुमार पांडेय, अरुण दुबे, शाहनवाज खान और सुधा सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिवक्ता शामिल रहे।