अरविन्द मिश्रा
वाराणसी। बढ़ते हुए ठंड और कोहरे से आम जनमानस काफी प्रभावित है। ऐसे में वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 900 मीटर से कम दृश्यता होने पर विमानों का आवागमन प्रभावित हो सकता है। हवाई अड्डे पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम की क्षमताछमता 900 मीटर की बताई जाती है। इससे कम दृश्यता होने की स्थिति में विमानों का रनवे पर उतर पाना मुश्किल होगा। मंगलवार को घने कोहरे की वजह से सुबह के समय हवाई अड्डे पर दृश्यता कम हो गई। जिससे हवाई अड्डे पर उतरने वाले विमान अपने निर्धारित समय से दो से तीन घण्टे विलम्ब से उतरे, वहीं कुछ विमान निरस्त भी रहे। ऐसे में नियत समय से अपने गंतव्य को न पहुंच पाने की वजह से विमान यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
बता दें कि हवाई अड्डे पर इंस्टूमेंट लैंडिंग सिस्टम कैटेगरी वन कार्य कर रहा है। जिसकी क्षमता 900 मीटर है। उक्त सिस्टम सही दिशा निर्देश करते हुए रनवे पर विमानों को आसानी से उतरने में मदद करता है। मौसम खराब होने से दृश्यता कम हो जाने पर आईएलएस (ILS) सिस्टम द्वारा रनवे पर विमानों को मिलने वाला सिग्नल कम कार्य करता है। ऐसे में विमानों को उतरने में असुविधा होती है और विमान हवा में चक्कर काटते हुए दूसरे हवाई अड्डे पर डायवर्ट कर दिए जाते हैं।
वर्तमान समय मे हवाई अड्डे से दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, अहमदाबाद और भुवनेश्वर सहित अन्य शहरों के लिए अलग-अलग विमानन कंपनियों द्वारा सीधी विमान सेवाएं संचालित की जा रही हैं। हालांकि ठंड के समय कोहरे को ध्यान में रखते हुए विमानन कंपनियों द्वारा पूर्व में भी सुबह में संचालित होने वाले विमानों की समय सारिणी में परिवर्तन कर दिया गया था। अब हवाई अड्डे पर सुबह 11 बजे विमानों का आवागमन प्रारम्भ होता है। धुंध और कोहरे की वजह से दृश्यता कम हो जाने से सुबह 11 बजे पहुचने वाले विमान अपने निर्धारित समय से करीब दो से तीन घण्टे की देरी से हवाई अड्डे पर पहुंच रहे हैं। विमान के निरस्त एवं विलंबित होने की वजह से टिकट निरस्त और दूसरा टिकट लेने हेतु टिकट काउंटरों पर यात्रियों की भीड़ लगी रही।