Varanasi: बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में इमरजेंसी के बाहर नर्सिंग स्टाफ ने काम के अत्यधिक दबाव और सहकर्मी की आकस्मिक मृत्यु के विरोध में प्रदर्शन किया। नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि उन पर 17 मरीजों की देखभाल का जिम्मा सौंपा गया है, जिससे वे भारी काम के बोझ तले दबे हुए हैं। हाल ही में उनके सहकर्मी खेमचंद सैनी (29), जिनकी ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो गई, के परिवार को मुआवजा देने और काम के बोझ को कम करने की मांग की जा रही है। प्रदर्शन स्थल पर सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में प्राक्टोरियल बोर्ड के सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।
Varanasi: काम के दबाव से सहकर्मी की मौत का आरोप
नर्सिंग स्टाफ के सदस्य बाबू लाल यादव ने जानकारी दी कि उनका साथी खेमचंद सैनी, जो भरतपुर का रहने वाला था, सीसीयू में सुबह 6 बजे ड्यूटी पर था। ड्यूटी के दौरान उसे बाथरूम में हार्ट अटैक आ गया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। मृतक के शव को मोर्चरी में रखवाया गया। नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि अत्यधिक काम के दबाव के कारण यह घटना हुई है।
मुआवजे और वर्कलोड कम करने की मांग
नर्सिंग स्टाफ का आरोप है कि अस्पताल में एक नर्सिंग कर्मचारी को 17 मरीजों की देखभाल करनी पड़ रही है, जिससे काम का बोझ बढ़ रहा है। उन्होंने मांग की है कि खेमचंद सैनी के आश्रितों को उचित मुआवजा दिया जाए और कर्मचारियों पर काम का दबाव कम किया जाए।
10 घंटे की शिफ्ट और मोबाइल प्रतिबंध पर नाराजगी
बीएचयू में 1100 नर्सिंग स्टाफ कार्यरत हैं। उनका कहना है कि उन्हें 10-10 घंटे की ड्यूटी कराई जाती है, जिसमें मोबाइल इस्तेमाल करने और बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जाती। इसके अलावा, उन्हें माह में 7 दिन लगातार काम करना पड़ता है। अधिकारियों ने नर्सिंग स्टाफ की समस्याओं को सुलझाने के लिए बात की, लेकिन नर्सिंग स्टाफ अपने विरोध प्रदर्शन पर कायम रहे।