Varanasi Blast: वाराणसी कचहरी परिसर में आज अधिवक्ता पूरे दिन न्यायिक कार्य से विरत रहे। इसका कारण, कचहरी परिसर में 16 वर्ष पहले घटी एक हृदय विदारक घटना है। 23 नवम्बर 2007 का वह दिन, आज भी उन लोगों को याद है, जिन्होंने इस दहशतगर्द घटना [Varanasi Blast] को अपनी आंखों से देखा था। कचहरी परिसर के उन वकीलों, कर्मचारियों आदि की उस घटना को याद करते हुए रूह कांप जाती है।
इस भीषण बम धमाकों [Varanasi Blast] में तीन अधिवक्ताओं समेत नौ लोगों की मौत हो गई थी। साथ ही 50 से अधिक लाग घायल हो गए थे। इस ब्लास्ट में अधिवक्ता भोलानाथ सिंह, ब्रम्हदेव शर्मा, बुधिराम वर्मा, एक दुकानदार, एक मुंशी, पॉलिश करने वाले बच्चे समेत नौ लोगों के चिथड़े उड़े थे। प्रत्यक्षदर्शी वकीलों के मुताबिक, वाराणसी दीवानी कचहरी का माहौल उस दिन भी सामान्य था।
कांग्रेस नेता अजय राय अपने बड़े भाई अवधेश राय की हत्या के मामले में गवाही देने के लिए कचहरी पहुंचे थे। इसी दौरान दोपहर में दो धमाके हुए, तो लोगों ने सोचा कि अजय राय पर हमला हुआ है। देखते ही देखते कचहरी परिसर में अफरातफरी मच गई। थोड़ी देर में ही लोगों को पता चला कि कचहरी में आतंकी हमला हुआ है।
एटीएस की जांच में सामने आया कि दीवानी कचहरी में मुख़्तार उर्फ़ राजू और सज्जाद ने साइकिल में टिफिन बम प्लांट [Varanasi Blast] किया हुआ था। इसके लिए आतंकी कश्मीर से जौनपुर के रास्ते बनारस आए थे। आतंकियों को शरण देने वाले जौनपुर निवासी अब्दुल खालिद को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। आतंकियों को शरण देने के आरोप में जौनपुर निवासी अब्दुल खालिद को गिरफ्तार किया गया था। आजमगढ़ निवासी हकीम उर्फ तारिक उर्फ कासिम को आतंकी घटना की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सीरियल ब्लास्ट में दस आतंकियों के नाम सामने आए थे।
Varanasi Blast: कैंट थाने में दर्ज मुकदमा
इस आतंकी घटना [Varanasi Blast] के बाद कैंट थाने में आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 307, 324, 326, 427 के साथ ही 3/4/5 विस्फोटक अधिनियम और 15/16 विधि विरूद्ध क्रियाकलाप अधिनियम 2004 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। एक सप्ताह बाद इस मामले की जांच यूपी एटीएस को दे दी गई थी। उस दिन वाराणसी समेत फज़ाबाद और लखनऊ में भी सीरियल ब्लास्ट हुए थे। फैजाबाद और लखनऊ में ब्लास्ट के आरोपी खालिद और मुजाहिद को गिरफ्तार किया था। लेकिन बनारस कचहरी में ब्लास्ट करने वाला मुख़्तार और सज्जाद का पुलिस अब तक सुराग नहीं लगा पाई है।