Varanasi: एक हज़ार वर्षों पूर्व बहराइच की भूमि पर विदेशी आक्रांताओं को परास्त कर भारत की अस्मिता का परचम लहराने वाले महाराज सुहेलदेव की वीरगाथा को शुक्रवार को एक बार फिर जीवंत किया गया। अवसर था फतेपुर (पिंडरा, वाराणसी) में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर की माता स्वर्गीय जितना देवी की प्रथम पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा का, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न केवल दिवंगत माता जी को श्रद्धांजलि दी, बल्कि भारतीय इतिहास के विस्मृत अध्यायों को भी नए सिरे से समाज के सामने रखा।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा, “महाराज सुहेलदेव ने उस काल में विदेशी आक्रांता सालार मसूद को तीन लाख सैनिकों सहित पराजित कर यह सिद्ध कर दिया था कि भारत कभी पराजित नहीं हो सकता—वह केवल भुलाया जा सकता है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि वर्षों की गुलामी ने ऐसे वीरों की गौरवगाथा को लोगों की स्मृति से मिटा दिया, लेकिन अब समय है कि देश अपनी जड़ों से फिर जुड़े और उस आत्मगौरव को पुनर्स्थापित करे।

महाराज सुहेलदेव का स्मारक—राष्ट्रभक्ति की जीवंत चेतना
मुख्यमंत्री ने सभा में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि महाराज सुहेलदेव के नाम पर निर्मित स्मारक न केवल ऐतिहासिक विरासत का प्रतीक है, बल्कि यह उन राष्ट्रविरोधी तत्वों के लिए एक मौन संदेश भी है, जो आज भी देश को तोड़ने के मंसूबे पाल रहे हैं।
उन्होंने दो टूक कहा, “यह स्मारक सिर्फ पत्थरों का ढांचा नहीं, बल्कि यह भारत की एकता और अखंडता का प्रतीक है। यह हर उस व्यक्ति के लिए चेतावनी है, जो विदेशी आक्रांताओं के पदचिह्नों पर चलने की कोशिश करेगा।”
Varanasi: माता-पिता के संस्कारों से मिली संजीवनी
श्रद्धांजलि सभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने ओमप्रकाश राजभर के उस भाव को सराहा जिसमें उन्होंने अपनी मां की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए श्रद्धासभा का आयोजन किया। उन्होंने कहा, “माता के प्रति श्रद्धा का यह भाव अत्यंत पुण्यदायक है। यह आयोजन दर्शाता है कि राजभर परिवार केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों से भी गहराई से जुड़ा है।”
सीएम योगी ने भगवान श्रीराम का उदाहरण देते हुए कहा कि माता की महिमा के समक्ष दुनिया के सारे ऐश्वर्य भी तुच्छ हैं। उन्होंने कहा, “श्रीराम ने स्वर्णमयी लंका को भी मातृभूमि की माटी से छोटा माना था। उसी आदर्श को ओमप्रकाश राजभर जी ने अपने जीवन में उतारा है। उनके माता-पिता के संस्कार ही उनके राजनीतिक और सामाजिक संघर्षों की नींव बने हैं।”

राजभर परिवार को मिली सराहना, फतेपुर के विकास का संकल्प
मुख्यमंत्री योगी ने ओमप्रकाश राजभर के दोनों पुत्रों—अरुण राजभर और अरविंद राजभर—को भी शुभकामनाएं दीं और राजभर परिवार की भूमिका को समाज में आदर्श बताया। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि आने वाले समय में फतेपुर को विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जाएगा।
उन्होंने कहा, “यह भूमि केवल एक गांव नहीं, बल्कि उस परंपरा की गवाह है जो भारत को जोड़ती है, संवारती है और हर संकट में उसका मार्ग प्रशस्त करती है।”
देश के दुश्मनों को सीधा संदेश
अपने भाषण के अंत में मुख्यमंत्री योगी ने राष्ट्रविरोधी तत्वों को सख्त लहजे में चेताया। उन्होंने कहा कि इतिहास साक्षी है, जब भी किसी ने भारत की अखंडता को चुनौती दी है, वह मारा गया है या इतिहास के अंधेरे में खो गया है।
“महाराज सुहेलदेव का जीवन हर उस गद्दार के लिए एक आईना है, जो भारत को तोड़ने की सोच रखता है,” उन्होंने कहा। इस श्रद्धांजलि सभा में केवल एक मां को याद नहीं किया गया, बल्कि एक समूची विरासत को पुनर्जीवित करने का प्रयास हुआ।


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