Varanasi: पूर्वांचल की सबसे बड़ी मंडियों में से वाराणसी की दालमंडी के चौड़ीकरण को लेकर मामला तुल पकड़ता जा रहा है. एक ओर जहाँ इस चौड़ीकरण परियोजना को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है तो वहीं दूसरी तरफ सड़क चौड़ीकरण और ध्वस्तीकरण अभियान को लेकर कांग्रेस ने खुला विरोध शुरू कर दिया है। कांग्रेस पार्टी ने इस मामले को लेकर केंद्र और राज्य सरकार को घेरने की रणनीति बनाते हुए दिल्ली से लखनऊ तक दस्तक देने की तैयारी की है। कांग्रेस की मांग है कि दालमंडी को ‘हेरिटेज मार्केट’ घोषित किया जाए और बुलडोजर की कार्रवाई तत्काल रोकी जाए।
इसी कड़ी में रविवार को कांग्रेस की 12 सदस्यीय टीम को दालमंडी क्षेत्र का जमीनी सर्वेक्षण करना था, लेकिन प्रशासन ने महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे समेत कई नेताओं को घर में ही नजरबंद कर दिया। नेताओं के घरों के बाहर पुलिस बल तैनात कर दिया गया और दालमंडी (Varanasi) की गलियों में भारी संख्या में फोर्स व केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की गई।
महानगर कांग्रेस अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा कि काशी के इस ऐतिहासिक बाजार को जबरन मिटाया जा रहा है। सिल्क, ज़री, मसाले, इत्र और जड़ाऊ गहनों से पहचान बनाने वाली दालमंडी (Varanasi) सिर्फ एक व्यापारिक केंद्र नहीं, काशी की आत्मा है। उन्होंने आरोप लगाया कि विकास के नाम पर छोटे कारोबारियों और कारीगरों की रोजी-रोटी पर बुलडोजर चलाया जा रहा है, ताकि कुछ बड़े पूंजीपतियों को लाभ मिल सके।
Varanasi: दालमंडी का जमीनी सर्वेक्षण करेगी कांग्रेस
कांग्रेस की टीम स्थानीय व्यापारियों, धार्मिक संगठनों, महिला उद्यमियों और आम नागरिकों से संवाद करेगी और प्रभावित स्थलों का निरीक्षण कर एक रिपोर्ट तैयार करेगी। इस रिपोर्ट को केवल एक राजनीतिक दस्तावेज न बताते हुए राघवेंद्र चौबे ने कहा कि यह जनता की आवाज़ होगी, जिसे राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति और केंद्र सरकार तक पहुंचाया जाएगा।
राघवेंद्र चौबे का कहना है कि सरकार को दालमंडी (Varanasi) जैसे ऐतिहासिक क्षेत्रों को संरक्षित करते हुए ‘हेरिटेज मार्केट’ के रूप में विकसित करना चाहिए, न कि उसे जमींदोज कर देना चाहिए। पार्टी का दावा है कि जिस तरीके से धार्मिक स्थलों और व्यवसायिक परिसरों को तोड़ा जा रहा है, वह एकतरफा और जनविरोधी कदम है।
बताते चलें कि कांग्रेस पार्टी के द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि यदि स्थानीय प्रशासन और सरकार ने इस विषय में पुनर्विचार नहीं किया, तो यह मामला राज्यपाल और राष्ट्रपति तक ले जाया जाएगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष इस संबंध में जल्द ही प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्यपाल से मुलाकात करेंगे।