Varanasi: पिशाचमोचन क्षेत्र में करीब छह साल पहले हुए सनसनीखेज तीर्थ पुरोहित दंपती हत्याकांड में वाराणसी की फास्ट ट्रैक कोर्ट (द्वितीय) ने बड़ा फैसला सुनाया है। जज सुनील कुमार की अदालत ने बुधवार को इस जघन्य हत्या मामले में सगे भाई समेत चार अभियुक्तों को उम्रकैद और दो अन्य को पांच-पांच साल की कैद की सजा सुनाई।
मृतक तीर्थ पुरोहित कृष्ण कुमार उपाध्याय और उनकी पत्नी ममता उपाध्याय की 21 सितंबर 2019 को संपत्ति विवाद में गोली मारकर और धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। वारदात को अंजाम देने वालों में खुद मृतक का छोटा भाई राजेंद्र उपाध्याय, उसकी पत्नी पूजा उपाध्याय, बेटा रजत उपाध्याय और एक कर्मचारी रामविचार उपाध्याय शामिल थे, जिन्हें उम्रकैद की सजा दी गई। वहीं, महेंद्र प्रताप राय और अच्छे हसन को पांच साल कैद की सजा सुनाई गई है।
Varanasi: क्या था मामला?
यह वारदात चेतगंज थाना क्षेत्र (Varanasi) के सरायगोवर्धन काली महल क्षेत्र की है, जहां गद्दी और पुश्तैनी मकान पर कब्जे की चाह में कृष्ण कुमार उपाध्याय की उनके ही छोटे भाई ने पत्नी समेत हत्या करवा दी थी। उस समय कृष्ण कुमार घर के बाहर खड़े थे, जबकि उनकी पत्नी ममता किचन में थीं।
पुलिस ने बेटे सुमित उपाध्याय की शिकायत पर नामजद एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की। आरोपी राजेंद्र, पूजा और रजत उपाध्याय ने अदालत में सरेंडर किया था, वहीं जांच के दौरान हत्या में प्रयुक्त असलहा महेंद्र प्रताप राय के घर से बरामद हुआ।
अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में बताया कि पिशाचमोचन कुंड स्थित बाबा की गद्दी और मकान पर कब्जे की लालच में राजेंद्र ने हत्या की साजिश रची। उसे बेटे और एक हिस्ट्रीशीटर कर्मचारी रामवीर का भी साथ मिला।
मृतक दंपती के बेटों सुमित और विनीत ने छह वर्षों तक लगातार कानूनी लड़ाई जारी रखी। प्रशासन ने उन्हें सुरक्षा के मद्देनजर गनर भी उपलब्ध कराए थे। इस मामले (Varanasi) में लल्लापुरा चौकी के तत्कालीन इंचार्ज राजकुमार वर्मा को भी लापरवाही के चलते निलंबित कर दिया गया था।
हत्या इतनी वीभत्स कि दो बार करना पड़ा पोस्टमार्टम
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, ममता उपाध्याय को सीने और कमर में चार गोलियां मारी गई थीं। पहले पोस्टमार्टम में स्पष्ट जानकारी न मिलने पर शव का एक्स-रे कराया गया, तब गोलियों की सही संख्या सामने आई और दोबारा पोस्टमार्टम (Varanasi) करना पड़ा।
अदालत ने कहा कि यह अपराध सिर्फ दो लोगों की हत्या नहीं, बल्कि सगे संबंधों में पैदा होती लालच की खतरनाक तस्वीर है। समाज में भय और अविश्वास फैलाने वाले ऐसे अपराधों में कठोर सजा जरूरी है।