Varanasi Crime: फर्जी वेबसाइट के माध्यम से मोटरसाइकिल एजेंसी की फ्रेन्चाइजी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले दो इंटरस्टेट सरगना को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके पास से भारी मात्रा में फर्जी डाक्यूमेंट्स, मोबाइल व नगदी बरामद किए हैं। इसका खुलासा गुरुवार को डीसीपी वरुणा चंद्रकांत मीणा व एडीसीपी टी० सरवणन ने इसका खुलासा किया।
इस मामले में कैंट थाना क्षेत्र के भोजुबीर के रहने वाले धीरेन्द्र बहादुर सिसोदिया ने 5 जून 2023 को शिकयत दर्ज कराई थी। जिसमें उन्होंने बताया था कि उनके साथ अज्ञात साइबर अपराधियों द्वारा रिवोल्ट मोटर्स की एजेन्सी दिलाने के नाम पर फर्जी वेबसाइट व ईमेल के माध्यम से कुल 5 लाख 25 हजार 500 रूपये की साइबर ठगी कर ली गयी है।
जिसके बाद तत्कालीन डीसीपी क्राइम के नेतृत्व में टीमें गठित की गई थी। जिसके बाद मुकदमे की जांच में मिले सबूतों, इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस व डिजिटल फूटप्रिंट के जरिए पुलिस ने दोनों शातिरों को वाराणसी से गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपी पंकज कुमार (30 वर्ष) व सन्नी कुमार (29 वर्ष) बिहार के नालंदा के रहने वाले हैं। उनके पास से पुलिस ने फर्जी कागजात, विभिन्न कंपनियों के कई मोबाइल फोन, इन्वाइस पेपर तथा 2 लाख 14 हजार रुपए नकदी बरामद की गयी है।
डीसीपी ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी सर्वप्रथम वेब-डवलपर के माध्यम से ब्राण्डेड कम्पनियों के ओरिजिनल वेबसाइट से मिलती-जुलती हुई फर्जी वेबसाइट व ईमेल बनवाते हैं, फिर उस वेबसाइट को मेटा एड्स, गूगल एड्स व सोशल मीडिया एन्फुलेएन्सर आदि के माध्यम से प्रमोट किया जाता है। इसके बाद फ्रेन्चाइजी अथवा एजेन्सी की चाह रखने वाले लोगों की लीड इस वेबसाइट के वेबमेल मे प्राप्त होती है। प्राप्त डेटा को फिल्टर कर यह लोग कॉल कर तथा अपनी बातों तथा कम्पनी के फर्जी कूटरचित कागजात आदि भेजकर अपने झासे में ले लेते हैं।
Varanasi Crime: पास से बरामद हुए ढेरों फर्जी डाक्यूमेंट्स
इसके बाद उनसे रजिस्ट्रेशन फीस, जी0एस0टी0 फीस, सिक्योरिटी मनी आदि का हवाला देते हुए तथाकथित कम्पनी के फर्जी बैंक खातों मे पैसे डलवा लिये जाते है फिर उन पैसो को अपने साथियों के माध्यम से एटीएम, सीएसपी आदि के माध्यम से कैश निकाल कर अपने कार्य के अनुसार बांट लेते है। फर्जी जी0एस0टी0 बिल के लिए GST Council नामक, एन0ओ0सी0 के लिए NOC नामक, आर0बी0आई0 के हीडर वाला मैसेज भेजने के लिए FARB नामक, तथा बैंकिग से सम्बन्धित मैसेज के लिए CTC नामक फर्जी एण्ड्रायड एप्लीकेशन का प्रयोग किया जाता है जिसके माध्यम से मात्र 20 सेकेण्ड के अन्दर फर्जी बिल बनाकर इनके द्वारा पीड़ितों को भेज दिया जाता है।