Varanasi Crime: मोटर कंपनी की एजेंसी दिलाने के नाम पर 72 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने वाले गैंग के सरगना समेत 6 इंटरस्टेट साइबर अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उसके पास से संबंधित फर्जी कागजात, मोबाइल, नगदी आदि बरामद किया है। इसका खुलासा डीसीपी वरुणा जोन ने किया। पुलिस आरोपियों के खिलाफ अग्रिम कार्यवाही में जुटी रही।
इस मामले में भेलूपुर थाना अंतर्गत गौरीगंज के तेजश्वी शुक्ला ने साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें उन्होंने बताया कि उनके साथ अज्ञात साइबर अपराधियों ने KIA MOTORS कम्पनी के नाम से फर्जी बेवसाइट/ईमेल के माध्यम से एजेन्सी दिलाने के नाम पर कुल करीब 72 लाख रुपये की साइबर ठगी कर ली है। जिसके अनावरण के डीसीपी ने टीमें गठित की थी। इसके बाद पुलिस ने इस मामले में सक्रियता दिखाते हुए साइबर क्राइम थाना इंस्पेक्टर विजय नारायण मिश्र के नेतृत्व में इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस, डिजिटल फूटप्रिंट, ओपेन सोर्स इंटेलिजेंस टूल आदि की मदद से घटना में शामिल 6आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इन आरोपियों में इनका सरगना भी शामिल है।
गिरफ्तार अभियुक्त दीपक कुमार (21 वर्ष), प्रभाकर कुमार उर्फ चिकू (26 वर्ष), हिमांशु राज (19 वर्ष), सौरव कुमार (22 वर्ष), आलोक कुमार (23 वर्ष) व अभिषेक कुमार उर्फ छोटू (18 वर्ष) बिहार के नालंदा थाना अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों के रहने वाले हैं। इनमें सौरव और आलोक के खिलाफ बिहार के पटना में ठगी के कई केस दर्ज हैं। पुलिस ने उनके पास से 16 एंड्राइड व IOS फ़ोन (जिनकी कीमत लगभग 10 लाख रुपए), 1 इंटरनेट डोंगल, पेमेन्ट इन्वाइस की फर्जी कॉपी, एक इंटेन्ट लेटर व इनलिस्टमेन्ट लेटर सम्बन्धित किया मोटर्स कम्पनी (फर्जी व कूट रचित), एक PNB बैंक डेबिट कार्ड, दो फर्जी सिम व 30 हजार 9 सौ रुपए बरामद किया है।
Varanasi Crime: अपराध का तरीका
डीसीपी ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त KIA MOTORS कम्पनी के नाम की फर्जी वेबसाइट अथवा ईमेल बनाकर उसके माध्यम से लोगों को फंसाते थे। आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि सभी KIA MOTORS कम्पनी के फर्जी REPRESENTATIVE बनकर एजेन्सी दिलाने के बाबत फर्जी डॉक्यूमेंट जैसे इनलिस्टमेन्ट लेटर, इन्टेन्ट लेटर आदि भेजा गया तथा तथाकथित KIA MOTORS कम्पनी के बैंक खाते में रजिस्ट्रेशन फीस, सिक्योरिटी मनी, जीएसटी फीस आदि का हवाला देते हुए पैसा विभिन्न खातों में डलवाते थे। जिसका फर्जी KIA MOTORS COMPANY के लेटर हेड पर फर्जी INVOICE भेज कर वादी मुकदमा को अपने झांसे में लेकर साइबर ठगी करते हैं।
अभियुक्तगण पूरी प्लानिंग के तहत इन घटनाओं को अंजाम देते थे। सभी वेबसाइट/ई-मेल से लीड लेकर शरीफ लोगों को फर्जी सिम से कॉल कर लोगों को फांसते थे। इसके बाद एजेंसी के नाम पर लोगों से अपने फर्जी अकाउंट में पैसे मंगा लेते थे और एटीएम से निकालकर आपस में बांट लेते थे।