Varanasi: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शुक्रवार को वाराणसी पहुंचकर सियासी पिच पर विपक्ष पर करारे प्रहार किए। सर्किट हाउस में उन्हें गॉड ऑफ ऑनर दिया गया, जिसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और पश्चिम बंगाल की स्थिति पर तीखी टिप्पणी की।
डिप्टी सीएम मौर्य ने कांग्रेस पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि “अब कांग्रेस पूरी तरह गांधी परिवार की गुलामी में जा चुकी है।” उन्होंने पूर्व कांग्रेस अध्यक्षों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का हवाला देते हुए कहा कि “जिन पर आरोप सिद्ध हो चुके हैं, वे जमानत पर बाहर हैं और अगर दोषी हैं, तो उन्हें अदालत की शरण लेनी चाहिए। लेकिन इसके बजाय कांग्रेस नेता ईडी के दफ्तर पर धरना देकर कानून के साथ मज़ाक कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि भ्रष्टाचारियों की ढाल बनना कांग्रेस की नई पहचान बन गई है।
समाजवादी पार्टी और उसके अध्यक्ष अखिलेश यादव को निशाने पर लेते हुए मौर्य ने कहा कि “सपा अब ‘समाप्तवादी पार्टी’ बनती जा रही है।” उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव जब भी बोलते हैं, संयम की मर्यादा भूल जाते हैं और 2012 से 2017 के अपने कार्यकाल को भी याद नहीं रखते। “तब प्रदेश की जो स्थिति थी, जनता भूली नहीं है।”
Varanasi: ED को लेकर अखिलेश यादव पर कसे तंज
ईडी को लेकर अखिलेश यादव के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मौर्य ने चुटकी ली – “ईडी कोई परचून की दुकान नहीं है कि जब चाहो खोल दो और जब चाहो बंद कर दो।” उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियां संविधान के तहत काम करती हैं, और विपक्षी दल अपनी जांच से बचने के लिए बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।
पश्चिम बंगाल में जारी हिंसा के मुद्दे पर ममता बनर्जी सरकार को घेरते हुए मौर्य ने आरोप लगाया कि “टीएमसी के गुंडों को राज्य सरकार का सीधा संरक्षण प्राप्त है।” उन्होंने दावा किया कि वहां हिंदू समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है और हालात इतने गंभीर हैं कि लोग पलायन को मजबूर हो गए हैं। डिप्टी सीएम ने कहा, “इस हिंसक राजनीति की कीमत टीएमसी को अगली विधानसभा में चुकानी पड़ेगी।”
जब उनसे बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की संभावना पर सवाल किया गया, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि “यह निर्णय पूरी तरह केंद्र सरकार की नीति और परिस्थितियों पर निर्भर करेगा। यदि स्थिति नियंत्रण से बाहर होती है, तो ज़रूरी कदम उठाए जाएंगे।”