Varanasi Flood: जिन रास्तों पर कभी चलते थे गाड़ी मोटर, उन रास्तों पर अब चल रहे हैं नाव। एक तरफ आसमान से बरसती बारिश वहीं दूसरी तरफ गंगा और वरुणा में आए उफान का पानी। आखिर लोग जाए तो जाए कहा। क्या सच मच इस बार टूट जायेगा वर्ष 1978 का रिकोर्ड या फिर लोगों को मिलेगी राहत। हम बात कर रहे हैं वाराणसी में लगातार बढ़ रहे गंगा के जलस्तर की। जो इस वक़्त 3 सेंटीमीटर की रफ़्तार से बढ़ रहा है और 71.62 मीटर पर पहुंच गया है। गंगा का जलस्तर इस वक़्त चेतावनी बिंदु (70.262) तो छोड़िये खतरे के निशान (71.262) को भी पार कर चुका है।


स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है कि आप कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। जिन लोगों के पास कोई रास्ता नहीं है वह बाढ़ राहत शिविर में शरण ले रहे हैं और जिन लोगों का घर तीन मंजिल में बना है वह अपने घरों के ऊपर के मंजिल की ओर ठहरे हैं लेकिन घर में रहने के बाद भी उन्हें पानी से लेकर बिजली और अन्य बुनियादी समस्याओं का सामना कर पड़ रहा है।

हजारों परिवार हुआ प्रभावित
इन तस्वीरों को देखकर आपकी रूह कांप जाएगी कि कैसे कैसे लोग अपना जीवन इस वक़्त व्यतीत करने को मजबूर है। गंगा के रौद्र रूप के चलते वरुणा नदी (Varanasi Flood) में जो पलट प्रवाह दिख रहा उससे स्थिति बिगडती जा रही है। अब तक लगभग 1062 परिवारों के लगभग 4733 लोग है जो अपना घर छोड़कर कहीं और रहने को मजबूर है। इनमे से कई परिवारों ने प्रशासन द्वारा बनवाये गए 18 बाढ़ राहत शिविर में शरण लिया है। उन तक प्रशासन प्रत्येक बुनियादी सुविधाओं को पहुंचाने का प्रयास कर रहा है। इसके साथ ही कुछ ऐसे भी परिवार है जो कियारे के कमरों और अन्य जगहों पर पलायन करने को मजबूर है।

कृषकों की भी बिगड़ी स्थिति
बात अगर कृषकों की करें तो अब तक लगभग 977 कृषि इससे प्रभावित हो चुके हैं और उनका लगभग 298.6379 क्षेत्रफल बाढ़ के पानी के आगोश में आ गया है। मां गंगा ने अपने बढ़ते जलस्तर (Varanasi Flood) के चलते सभी तटवर्ती और आसपास के रहने वाले लोगों को अपनी जद में ले लिया है।

Varanasi Flood: हाई अलर्ट पर प्रशासन
वाराणसी का चाहे कोई भी घाट हो इस वक़्त बाढ़ के पानी में समाया नजर आ रहा है। प्रत्येक घाट पर सावधानियां बराती जा रही है। NDRF और जल पुलिस द्वारा लगातार अपील कर लोगों को अलर्ट किया जा रहा है। चलिए अब आपको दिखाते हैं वाराणसी में बाढ़ (Varanasi Flood) की एक और तस्वीर जिसे देखकर आप हैरान हो जाएंगे और तब जाकर शायद आपको इस बात का अंदाजा होगा कि आखिर सच में वाराणसी की क्या स्थिति है और आखिर बाढ़ प्रभावित लोग रह कैसे रहे होंगे।

नामो घाट पर डूबा हाथ का स्कल्पचर
जिस दृश्य की हम बात कर रहे हैं वो है नमो घाट, वाराणसी का वह घाट जो अपने हाथ के स्कप्लचर के लिए विश्व प्रसिद्द है। लेकिन आज बाढ़ के चलते नमो घाट का यह हाथ का स्कप्लचर आधा से ज्यादा डूब चुका है। यहाँ पर आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। नमो घाट का वह सभी इलाका जो लोगों को बहुत आकर्षित करता है सब बाढ़ के पानी (Varanasi Flood) में डूब चुका है।

घाट की सीढ़ियों को पार कर सड़क पर आया पानी
वहीं किसी भी घाट पर लोगों को जाने की परमिशन नहीं है। सभी प्रकार के नावों के संचालन पर रोक लगा दिया गया है। अब जब सडकों तक पानी आ चुका है वो धीरे-धीरे लोगों को और भी ज्यादा चिंता होने लगी है। लोग अपने-अपने जरूरत की कुछ चीजों को कन्धों पर लादकर और चिंताओं की लकीरें अपने माथे पर खींचे कहीं और पलायन कर रहे हैं। अस्सी घाट की सड़कें हो या फिर दशाश्वमेध घाट का जल पुलिस सब कुछ पानी (Varanasi Flood) में डूब चुका है और गंगा का पानी सीढियों को पार कर सड़क पर आ चुका है।

मणिकर्णिका घाट की गलियों में आया बाढ़ का पानी
चलिए अब आपको दिखाते है मणिकर्णिका घाट का दृश्य, मणिकर्णिका घाट पर भी सडकों तक पानी आ चुका है। शवदाहियों को घाट पर शवदाह करने के लिए लंबी कतारें लगानी पड़ रही है। गलियों तक पानी आ जाने के चलते शवदाह छत पर किया जा रहा है। ऐसे में लोगों को भारी समस्या हो रही और यही हाल हरिश्चंद्र घाट का भी है। सडकों तक बाढ़ (Varanasi Flood) का पानी आ जाने से लोगों के आने जाने के लिए नावों को रेस्क्यू के रूप में इस्तमाल किया जा रहा है। सडकों पर नाव चलने का यह मंजर वाराणसी में सालों बाद दिख रहा और यह बहुत ही चिंतनीय विषय है।

जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित लोगों को हर संभव मदद देने का प्रयास कर रहा है। खुद पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल और जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार अपनी टीम के साथ मोटर बोट से भ्रमण कर निरीक्षण कर रहे हैं। बाढ़ (Varanasi Flood) की स्थिति पर प्रशासन लगातार नजर बनाए रखे हैं और लोगों को अलर्ट कर रहे हैं। बाढ़ में फंसे लोगों तक लगातार राहत सामग्री पहुँचाने का कार्य किया जा रहा है।