Varanasi: बढती गंगा, डूबते घाट व मंदिर, हर घंटे बढ़ता जलस्तर, अब तटवासियों में दहशत पैदा करने लगा है। गंगा के पानी में बढ़ाव का क्रम घटते-बढते वेग के साथ निरंतर जारी है। जलस्तर 66.26 मीटर पर पहुंच गया। सभी 84 घाट डूब गए हैं। उनका आपसी संपर्क भंग हो चला है। गंगा के उफान को देखते हुए सभी प्रकार की नावों का संचालन रोक दिया गया है। प्रशासन ने घाटों की ओर जाने से लोगों को रोकने के लिए बैरीकेडिंग कर दी है। तीन सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ाव जारी है।


Varanasi: चेतावनी बिंदु से महज 4 मीटर नीचे है पानी
जलस्तर चेतावनी बिंदु से महज 4 मीटर नीचे बह रही हैं। दशाश्वमेध घाट पर सिद्धपीठ बड़ी शीतला माता मंदिर की गुफा में पानी भर गया है। अब गंगा एक-एक पग भरते हुए मां शीतला के पांव पखारने को आतुर हैं। हालांकि इस बढ़ाव से तटवासियों की पेशानी पर बल भी बना हुआ है।


घाट किनारे (Varanasi) के लगभग मंदिरों में गंगा जल हिलोरें मार रहा है। उधर किसानों की चिंता भी बढ़ गई है। रमना गांव के पूर्व गंगा किनारे बना शवदाह स्थल पानी से घिर गया हैं। दो फीट पानी और बढ़ने पर रमना मलहिया, टिकरी, तारापुर आदि गांवों में लगी सब्जी की फसल पानी में डूब जाएगी।

घाटों के डूब जाने से शवों की अंत्येष्टि में काफी समस्या खड़ी हो गई है। हरिश्चंद्र घाट पर अब गलियों में शवदाह किया जाने लगा है तो शवों (Varanasi) की लंबी कतार लग जा रही है। वहीं महाश्मशान मणिकर्णिका पर ऊपर छत पर एक बार में केवल एक या दो शव ही एक साथ जलाए जा रहे हैं। इससे वहां भी लोगों को शवदाह के लिए घंटों प्रतीक्षा करनी पड़ रही है। कृषकों का कहना है कि दो फीट जलस्तर बढ़ने पर गंगा किनारे बोयी सब्जी, मक्का, बजड़ा, तिल और अरहर की सैकड़ों बीघा फसल खराब हो जाएगी।