Varanasi: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) का 38वां दीक्षांत समारोह बुधवार को भव्य रूप से संपन्न हुआ। इस समारोह का मुख्य आयोजन नई दिल्ली के मैदानगढ़ी स्थित इग्नू मुख्यालय में हुआ, जहां केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में दूरस्थ शिक्षा को उच्च शिक्षा का एक सशक्त माध्यम बताते हुए कहा कि यह प्रणाली हर वर्ग के छात्रों को सीखने का अवसर प्रदान करती है। इग्नू की कुलपति प्रो. उमा कांजिलाल ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और शिक्षा के डिजिटल भविष्य पर प्रकाश डाला।
वाराणसी (Varanasi) में क्षेत्रीय केंद्र द्वारा आयोजित दीक्षांत समारोह
इग्नू का क्षेत्रीय दीक्षांत समारोह काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के महामना सभागार में आयोजित किया गया। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के कुलपति प्रो. सत्यकाम और इग्नू वाराणसी क्षेत्रीय केंद्र के निदेशक डॉ. उपेंद्र नभ त्रिपाठी ने माँ सरस्वती और महामना मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर समारोह की शुरुआत की।
प्रो. सत्यकाम ने इग्नू द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने ‘शिक्षा सबके द्वार’ अभियान को विश्वविद्यालय की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया और कहा कि इग्नू दुनिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय बन चुका है, जो लाखों छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान कर रहा है।
डिजिटल युग में शिक्षा: तीन लाख से अधिक छात्रों को डिग्री
इस दीक्षांत समारोह में देशभर के 3,13,870 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई। डिजिटल इंडिया मिशन के तहत इग्नू ने छात्रों की डिग्रियों को डिजीलॉकर में भी उपलब्ध कराया है, जिससे वे अपनी डिग्री आसानी से ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं।
वाराणसी क्षेत्रीय केंद्र से कुल 3823 छात्रों ने उपाधि प्राप्त की, जिनमें 2113 परास्नातक, 1235 स्नातक, 352 डिप्लोमा और 123 सर्टिफिकेट कोर्स के विद्यार्थी शामिल थे। इस समारोह में 8 जेल कैदियों को भी डिग्री प्रदान की गई, जो सुधारात्मक शिक्षा की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल है।
वाराणसी की छात्रा को राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल
इग्नू वाराणसी केंद्र के लिए यह समारोह विशेष रहा, क्योंकि यहां की छात्रा आशना माथुर (बी.ए. पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन) ने राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक प्राप्त किया। उन्होंने हरिश्चंद्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय, वाराणसी में अपनी पढ़ाई पूरी की और बीएचयू परीक्षा केंद्र से परीक्षा देकर यह सफलता हासिल की।
इग्नू वाराणसी: डिजिटल सुविधाओं से छात्रों को लाभ
इग्नू वाराणसी क्षेत्रीय केंद्र 19 जिलों में फैले 38 अध्ययन केंद्रों के माध्यम से छात्रों को सहायता प्रदान कर रहा है। क्षेत्रीय निदेशक डॉ. उपेंद्र नभ त्रिपाठी ने बताया कि विश्वविद्यालय की सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन की जा रही हैं, जिससे छात्रों को नामांकन, परीक्षा और प्रमाणपत्र प्राप्त करने में सहूलियत हो रही है।
छात्रों को एसएमएस और सोशल मीडिया के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारी दी जाती है, वहीं सतत इंटरएक्टिव रेडियो काउंसलिंग के जरिए उनकी शैक्षिक और प्रशासनिक समस्याओं का समाधान किया जाता है। इग्नू के पूर्व छात्र (Alumni Registration) पोर्टल पर अब तक 5500 से अधिक विद्यार्थी पंजीकरण करा चुके हैं।
समापन समारोह: अतिथियों का सम्मान और राष्ट्रगान
समारोह के अंत में मुख्य अतिथि प्रो. सत्यकाम को स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया। सहायक कुलसचिव योगेश कुमार ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का सफल संचालन सहायक क्षेत्रीय निदेशक डॉ. संजय कुमार और डॉ. श्रवण कुमार पांडेय ने किया।
Highlights
इस ऐतिहासिक समारोह में 300 से अधिक छात्र, अकादमिक विशेषज्ञ और अतिथि शामिल हुए। अंत में राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ, जिससे यह आयोजन एक यादगार शिक्षा पर्व के रूप में दर्ज हो गया।