Varanasi: भारतीय शिक्षण मंडल, काशी प्रांत एवं देववाणी महिला महाविद्यालय, छितौनी, लोहता के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को मंडल का 56वाँ स्थापना दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर “शिक्षा में रामत्व” विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें राष्ट्र चेतना, सांस्कृतिक गौरव और मूल्य आधारित शिक्षा पर गहन मंथन हुआ।
रामत्व—अंदर की चेतना का बोध
समारोह (Varanasi) की मुख्य अतिथि, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य रही और उन्होंने इस दौरान सभी को संबोधित करते हुए कहा कि हम सबके भीतर राम विद्यमान हैं, आवश्यकता है उस चेतना को पहचानने और साकार करने की। रामत्व का अर्थ है—संघर्ष में भी मर्यादा का पालन करते हुए आदर्श बनना। उन्होंने रामकाव्य और भारतीय जीवन संस्कारों की चर्चा करते हुए कहा कि तुलसीदास की रचनाओं में समूची भारतीय संस्कृति का सार समाहित है।

भारतीय शिक्षा का मूल है संस्कार
मुख्य वक्ता डॉ. अम्बरीष राय (सह-प्रांत प्रचार प्रमुख, आरएसएस) ने भारतीय शिक्षा प्रणाली की आत्मा पर प्रकाश डालते हुए कहा, “आज सबसे बड़ा संकट आत्मविस्मृति का है। जब तक हम राम के जीवन मूल्यों—कर्तव्य, त्याग, मर्यादा और धैर्य को आत्मसात नहीं करेंगे, तब तक शिक्षा अधूरी मानी जाएगी।” उन्होंने कहा कि राम केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक संपूर्ण सांस्कृतिक धारा हैं, जिसमें माता-पिता, भाइयों, गुरुओं और समाज का योगदान समाहित है।

संस्कार, आत्मबोध और शिक्षा का त्रिवेणी संगम
देववाणी महिला महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अरुण कुमार ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि इस प्रकार की संगोष्ठियाँ विद्यार्थियों को न केवल आत्मबोध कराती हैं, बल्कि उन्हें भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों की ओर उन्मुख भी करती हैं। उन्होंने शिक्षा में नैतिकता, विनम्रता और राष्ट्र गौरव को मूलभूत तत्व बताते हुए भारतीय शिक्षण मंडल की सराहना की।
संस्थागत प्रतिबद्धता और संगठनात्मक गरिमा
कार्यक्रम (varanasi) की शुरुआत दीप प्रज्वलन और वंदना से हुई, जिसके बाद भारतीय शिक्षण मंडल का ध्येय श्लोक और गीत सामूहिक रूप से प्रस्तुत किया गया। उद्घाटन ((Varanasi) प्रस्तावना डॉ. रमेश कुमार सिंह (प्रांत संपर्क प्रमुख) ने प्रस्तुत की। उन्होंने संगठन के इतिहास, उद्देश्य और योगदान की जानकारी दी।

प्रांत विस्तारक अशोक विश्नोई ने प्रभावशाली संचालन किया, वहीं कार्यक्रम का समापन डॉ. अशोक कुमार ज्योति (प्रांत मंत्री) के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। समापन से पूर्व जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में शहीद हुए नागरिकों को मौन श्रद्धांजलि दी गई।
इस अवसर ((Varanasi) पर प्रांत सह मंत्री श्री सचिन कुमार सिंह, महाविद्यालय प्रबंधक श्री आनंद सिंह, श्री राजू राज, श्री हिमांशु, श्री गणेश राय, श्री रोहित सिंह, श्री विष्णुकांत समेत लगभग 250 छात्राएँ व पदाधिकारी उपस्थित रहे।