वाराणसी | अब डर लग रहा है सर…मेरी बेटी को ढूंढ निकालो। इस उम्मीद के साथ लोग प्रशासन (Varanasi) के पास जाते है लेकिन वहां से भी उन्हें खाली हाथ लौटना पर पड़ जाए तो फिर आखिर जनता कहा जाएगी। कुछ ऐसा ही हुआ पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) में जब दो असहाय परिवार अपनी बेटी के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराने उनके पास पहुंचा और अब तक उन्हें उनकी बेटी वापस नहीं मिली।

प्रशासन (Varanasi) की ढीली चाल-ढाल और इस प्रकरण को संज्ञान ना लेने के विरोध में वाराणसी (Varanasi) कैंट स्टेशन से राजस्थान व गाज़ीपुर की गुमशुदा बच्ची के परिजन कल से ही वरुणा शास्त्री घाट पर धरना दे रहें हैं। आज किन्नर समाज के साथ अन्य कई सामाजिक संस्था के लोग वहां उनके समर्थन में पहुंचे।
Varanasi : बच्ची को ढूंढकर उसे सही सलामत परिजनों को सौंपे
दीक्षा महिला कल्याण शोध संस्थान की अध्यक्ष संतोषी शुक्ला ने कहा कि बच्ची के अपहरण के मामले पर प्रशासन कोई एक्शन नहीं ले रहा, ना ही रिपोर्ट दर्ज कर रहा इसीलिए हम यहां अपनी पूरी टीम के साथ आए हैं और हम हर तरीके से, यथाशक्त्ति परिजनों के साथ हैं। हम सभी अन्य सस्थाओं से भी अपील करते हैं कि वह इनका साथ दें साथ ही प्रशासन से भी हम मांग करते हैं कि वह इस मामले को संज्ञान में लेकर इसपर कार्यवाही करें और जल्द से जल्द बच्ची को ढूंढकर उसे सही सलामत परिजनों को सौंपे।
किन्नर समाज की राष्ट्रीय अध्यक्ष सलमान ने बताया कि एक बेटी जो 18 दिन और एक बेटी 4 साल से गुमशुदा है। इन दोनों बेटियों के परिवार वालें लगातार अधिकारियों के कार्यालय और नेताओं के ऑफिसों के चक्कर काट रहें है लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है जबकि ये दोनों बेटियां वाराणसी (Varanasi) के कैन्ट से ही गायब हुई है।

उन्होनें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं स्लोगन का हवाला देते हुए कहा कि इसपर मैं यह भी कहना चाहूंगी की प्रशासन इस नारे का अर्थ भूल गया है, लोग यह नारा तो लगा रहें कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ लेकिन क्या बेटी बच रही है या क्या बेटी पढ़ रही है। मैं पीएम मोदी और सीएम योगी से कहना चाहती हूं कि उनके संसदीय क्षेत्र में इस प्रकार के हादसे हो रहे है और तो और कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उनकी सरकार नाकाम दिख रही है।
May You Read : टी. बी. हारेगा, देश जीतेगा के उद्देश्य से वैन रवाना, मंत्री दयाशंकर मिश्र ने दिखायी हरी झण्डी
वहीं सलमान किन्नर ने सरकार पर यह प्रश्न भी उठाया कि क्या अगर किसी नेता या किसी ऑफिसर की बेटी गुमशुदा होती तो भी इसी प्रकार की लापरवाही होती? क्या तब भी वह इस तरह से चुप बैठते?

इस प्रकरण में कल 10 अभियुक्तों की हुई गिरफ्तारी (Varanasi) पर उन्होंने कहा कि कल जिनकी भी गिरफ्तारी हुई है पुलिस को चाहिए कि वह इसपर एक्शन ले, उनसे पूछताछ करें, उनका नारको टेस्ट हो क्योंकि उसी से झूठ सच का पता चलेगा क्योंकि ऐसे तो कोई भी अपराधी किसी भी प्रकार का बयान दे सकता है। इसीलिए यदि उन अभियुक्तों का नारको टेस्ट नहीं होता है तो हम सभी किन्नर समुदाय इस बेटी के पक्ष में सड़कों पर निकलकर इन दोंनो परिवार को न्याय दिलाएंगे।
सीमा चौधरी ने बताया कि हमलोग यहां शास्त्री घाट पर बैठे परिजनों का साथ देने के लिए आए है जो अपनी बच्ची को ढूंढ रहें। एक मां पिछले साढ़े चार साल से गाजीपुर और वाराणसी (Varanasi) का चक्कर काट रही और राजस्थान का परिवार जिनकी बच्ची कैण्ट स्टेशन (Varanasi) से गायब हो गयी थी लेकिन प्रशासन से किसी भी प्रकार की मदद नहीं मिलने के कारण अब वह धरना दे रहे है। हम उनका साथ दे रहे और काफी लोग इनकी मदद के लिए आगे आ रहे है।
उन्होंने बताया कि सीसीटीवी फुटेज को खंगालने के बावजूद अब तक बच्चा नहीं मिला। यह सीधे-सीधे प्रशासन की लापरवाही है। जब सारे सबूत है तो क्यों नहीं कार्यवाही हो रही क्यो अब तक बच्ची का पता नहीं चला। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि हमार पूरा सर्पाेट इन्हें है और नहीं हुआ तो हम सीएम योगी और पीएम मोदी तक भी जाएंगे लेकिन इन्हें न्याय और इनकी बच्ची दिलवाकर ही रहेंगे।
इस दौरान किन्नर समाज, वाराणसी (Varanasi) की सामाजिक संस्था गुलिस्ता एकता किन्नर सेवा ट्रस्ट, दिक्ष फाउंडेशन, युवा फाउंडेशन, रोटी बैंक, शिवशक्ति सेवा फाऊंडेशन, आइडियल वूमेंस वेलफेयर सोसाइटी, निरंजना फाउंडेशन आदि सामाजिक संस्थाओं के कार्यकर्ताओं ने अहम भूमिका निभाई। इन कार्यकर्ताओं में सलमान किन्नर, सनी सिंह, सुषमा जायसवाल, सीमा चौधरी, प्रीति रवि जायसवाल, संतोषी शुक्ला, सरस्वती, पीड़ित राजस्थान से बच्ची के पिता, उनके चाचा, उनके रिश्तेदार और गाजीपुर परिवार से बच्ची की मां-पिता, बड़ी बहन और दो छोटे भाई धरना में शामिल रहे।