Varanasi: मां गंगा का रौद्र रूप काशीवासियों के लिए चिंता का कारण बना हुआ है। इसी संकट को शांत करने और गंगा जी के पौराणिक, शांत एवं अविरल स्वरूप की पुनः स्थापना के लिए मां गंगा निषाद राज सेवा समिति उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद कुमार निषाद ‘गुरु’ के नेतृत्व में एक विशेष पूजा-अर्चना एवं 101 गगरी जल से गंगेश्वर महादेव का जलाभिषेक किया गया।
Varanasi: घाटों पर गूंजा हर हर गंगे, जय मां गंगे का उद्घोष
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य गंगा के उफनते जल को शांति प्रदान करना और समस्त जीव-जंतुओं, मनुष्यों व प्रकृति की रक्षा की प्रार्थना करना। पूजा स्थल पर वैदिक मंत्रों की गूंज और “हर हर गंगे, जय मां गंगे” के उद्घोष के बीच समिति (Varanasi) के पदाधिकारियों और निषाद समाज के सैकड़ों सदस्यों ने सामूहिक रूप से गंगा की अविरलता और निर्मलता की कामना की।

इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद कुमार निषाद ‘गुरु’ ने कहा कि “कई वर्षों बाद मां गंगा ने इतना विकराल रूप धारण किया है कि गंगोत्री से लेकर गंगा सागर तक बाढ़ का कहर व्याप्त है। काशी (Varanasi) सहित पूर्वांचल के कई गांवों में पानी घरों में घुस चुका है। लोग राहत शिविरों में आश्रय लेने को मजबूर हैं और कई घाटों पर सड़कें भी डूब चुकी हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि नाविक समाज, एनडीआरएफ, जल पुलिस और शासन-प्रशासन (Varanasi) मिलकर राहत कार्य में लगे हैं, परंतु अब समय आ गया है कि बाबा भोलेनाथ से प्रार्थना की जाए कि वे मां गंगा को अपनी जटाओं में बांधकर फिर से शांति और अविरलता प्रदान करें। पूजन में वैदिक हवन, आरती, पुष्पांजलि और गंगाजल से अभिषेक कर मां गंगा से यह आग्रह किया गया कि वह फिर से अपने शांत, स्वच्छ और जीवनदायिनी स्वरूप में लौट आएं।
कार्यक्रम (Varanasi) में समिति के राष्ट्रीय सचिव हरिश्चंद्र केवट, रामकिशन माझी, जितेंद्र निषाद, बंबू साहनी, प्रकाश साहनी, राजेश वर्मा, चंदन गोविंद साहनी, सोनू गोलू साहनी, राहुल साहनी, पवन निषाद, पंडित राजेश कुलकर्णी स्वामी जी, विवेक सहनी, चिंटू निषाद, पिंटू निषाद समेत कई अन्य पदाधिकारी एवं सदस्यगण शामिल रहे।