वाराणसी। काशी की ऐतिहासिक गलियों में शुमार दालमंडी (Dalmandi) की सूरत बदलने वाली है। कभी इस प्राचीन गली में घुंघरूओं की खनक और बनारस घराने का संगीत सुनाई देता था। अब ॐ नम: शिवाय की धुन और हर हर महादेव का उद्घोष गूंजेगा। यहां से गुजरने वाले श्रद्धालु शिव धुन में रमे हुए नजर आएंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 650 मीटर लंबी सड़क को 17 मीटर चौड़ी करने की कवायद चल रही है। बताया जा रहा है कि यह सड़क मॉडल सड़क के रूप में विकसित होगी। सड़क के दोनों पर डिक्ट बनेंगे, जिससे भविष्य में पानी, बिजली अथवा किसी अन्य आवश्यकता के लिए सड़क की खुदाई न करनी पड़े। इसके लिए तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही हैं। प्रशासन के ओर से इसके सर्वे का काम पूरा हो चुका है। अगले सप्ताह तक डीपीआर रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।

शासन के ओर से इस कार्य की जिम्मेदारी PWD विभाग को दी गई है। PWD और नगर निगम ने अपना सर्वे का काम पूरा कर लिया है। बाकायदा इसके लिए फर्स्ट फेज में चौबीस करोड़ रुपए का बजट भी जारी कर दिया गया है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर अनुमानित 220 करोड़ रुपये खर्च होने वाले हैं। हालांकि मुआवजे वगैरह को लेकर यह बजट 250 करोड़ भी जाने की संभावना है।
Dalmandi से हटाया जा चुका है अतिक्रमण
प्रशासन के ओर से इसके लिए तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। बीते दिनों प्रशासनिक टीम ने दुकानों के बाहर से अतिक्रमण, टीन शेड और तिरपाल हटाकर गली को खाली कराया था। जिसके बाद इसकी असली तस्वीर निखरकर सामने आई। शासन को उम्मीद है कि अब यह मार्ग चौड़ा हो जाने से श्री काशी विश्वनाथ धाम का रास्ता काफी सुलभ होगा।

मई में जारी हो सकता है और बजट
संभावित है कि शासन के ओर से मई में और बजट जारी होगा, इसके बाद जमीन के अधिग्रहण का काम शुरू होगा। संभावित है कि मई के अंत तक सड़क चौड़ीकरण का काम शुरू हो।

व्यापारियों पर मंडरा रहा व्यापार संकट
एक ओर जहां शासन के ओर से इस सड़क को चौड़ा करने की कार्यवाही चल रही है, वहीं दालमंडी के व्यापारियों को अब रोजगार की चिंता सताने लगी है। व्यापारियों का कहना है कि दालमंडी की गली से ही हमारी पहचान है, जब यह गली ही नहीं रहेगी तो हमारा व्यापार इससे बुरी तरह से प्रभावित होगा।