Varanasi News: उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में हो रही लगातार भारी बारिश का असर अब वाराणसी में भी दिखने लगा है। गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है। गंगा में फिलहाल 1 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है, जिससे शहर के 84 प्रमुख घाटों पर पानी चढ़ने लगा है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार शुक्रवार की सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 62.63 मीटर दर्ज किया गया। जो अभी चेतावनी बिंदु 70.262 से लगभग 7 मीटर नीचे है।

Varanasi News: छोटे और चप्पू नावों पर अस्थाई रोक
तेजी से बढ़ते गंगा के जलस्तर के चलते घाटों और किनारे बसे मंदिरों पर संकट मंडराने लगा है। बढ़ते जलस्तर के चलते घाटों की सीढ़ियां और घाट के आसपास स्थित छोटे-छोटे मंदिर पानी की जद में आ गए है। जलस्तर में इस तीव्र वृद्धि को देखते हुए प्रशासन ने छोटी और चप्पू नावों के संचालन पर अस्थाई रूप से रोक लगा दी है। एनडीआरएफ, जल पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीमें स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

बढ़ गया काशी के घाटों पर खतरा
एडीसीपी काशी जोन सरवनन टी ने जल पुलिस प्रभारी राजकिशोर पांडेय के साथ नाव के जरिए सभी 84 घाटों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की और जानकारी देते हुए बताया कि गंगा का जलस्तर (Varanasi News) लगातार बढ़ रहा है, जिससे घाटों पर खतरा बढ़ गया है।

उन्होंने कहा कि सावन के आगामी सोमवारों में भारी भीड़ और तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पूर्व तैयारी की जा रही है। निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य घाटों की स्थिति का जायजा लेना और संभावित बाढ़ प्रबंधन की रणनीति को समय रहते लागू करना है।
जल प्रवाह तेज और अस्थिर
जलस्तर में बढ़ोतरी के चलते नाव संचालन बाधित हुआ है। खासकर छोटी नावों और चप्पू वाली नावों को रोक दिया गया है क्योंकि जल प्रवाह तेज और अस्थिर हो गया है, जिससे हादसे की आशंका बनी हुई है।
इसको देखते हुए प्रशासन बाढ़ प्रबंधन, नाविकों की सुरक्षा, वैकल्पिक मार्ग और घाटों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मांझी समाज (Varanasi News) के साथ बैठक भी करेगी। वहीं प्रशासन का कहना है कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन गंगा का मिजाज देखते हुए सतर्कता और तैयारियों को और मजबूत किया जा रहा है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।