Varanasi News: वाराणसी में गंगा का उफान चिंता का कारण बन गया है। जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के चलते शहर के 35 घाटों का एक-दूसरे से संपर्क टूट गया। दशाश्वमेध घाट पर आरती का स्थल 10 फीट पीछे खिसकाना पड़ा, वहीं मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाटों पर शवदाह स्थल भी बदलने पड़े।

केंद्रीय जल आयोग की बाढ़ बुलेटिन के मुताबिक मंगलवार रात 8 बजे तक गंगा का जलस्तर 63.36 मीटर तक पहुंच गया। सुबह 8 बजे तक जलस्तर 63.13 मीटर पर स्थिर था, लेकिन 9 बजे से इसमें प्रति घंटे दो सेंटीमीटर की दर से वृद्धि शुरू हो गई। स्थिति यह है कि यदि इसी रफ्तार से पानी बढ़ता रहा तो कई अन्य घाट भी पूरी तरह जलमग्न हो सकते हैं।

आरती स्थल 10 फीट पीछे, शवदाह घाट डूबे
दशाश्वमेध घाट (Varanasi News) पर गंगा का पानी आरती स्थल तक पहुंच गया, जिससे आरती स्थल को करीब 10 फीट पीछे करना पड़ा। इसी तरह मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह स्थल डूबने के कारण अब ऊपर की ओर अंतिम संस्कार की व्यवस्था की जा रही है।


Varanasi News: श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए बढ़ी सतर्कता
हालात बिगड़ने के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ। संध्या आरती में सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे। गंगा सेवा निधि के वॉलंटियर, पुलिसकर्मी और अन्य सेवादार पूरे समय सुरक्षा व्यवस्था संभालते नजर आए।

गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने बताया कि इस साल पहली बार आरती स्थल का परिवर्तन किया गया है। जैसे-जैसे जलस्तर बढ़ेगा, आरती स्थल भी पीछे खिसकता जाएगा। श्रद्धालुओं (Varanasi News) की सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए लगातार अनाउंसमेंट किए जा रहे हैं। घाटों के बीच संपर्क टूटने से लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है।

गंगा में चेतावनी स्तर 70.262 मीटर और खतरे का निशान 71.262 मीटर है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। सावधानी बरतते हुए घाटों पर बैरिकेडिंग, मार्गों की निगरानी और सूचना प्रसारण की व्यवस्था की जा रही है।
गंगा के बढ़ते जलस्तर ने काशीवासियों और श्रद्धालुओं (Varanasi News) के लिए चिंता बढ़ा दी है। घाटों पर धार्मिक और पारंपरिक गतिविधियों को सुरक्षित ढंग से संचालित करने के लिए प्रशासन और सेवा संस्थाएं पूरी मुस्तैदी से काम कर रही हैं। जलस्तर की निगरानी के साथ ही आरती और शवदाह जैसे धार्मिक क्रियाकलापों के लिए वैकल्पिक व्यवस्थाएं की जा रही हैं, ताकि आस्था भी बनी रहे और सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सके।