Varanasi: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में सत्र 2025–26 के लिए दाखिले मेरिट के आधार पर कराने के फैसले ने छात्र संगठनों को भड़का दिया है। पिछले 18 दिनों से जारी विरोध प्रदर्शन ने शुक्रवार को उग्र रूप ले लिया, जब छात्र नेताओं ने विश्वविद्यालय की सभी फैकल्टियों में कक्षाएं बंद करा दीं और प्रशासनिक कार्य भी ठप करवा दिया।
इस दौरान छात्रों ने जमकर नारेबाजी की। इसके बाद वे फैकल्टी भवनों (Varanasi) में घुसे और छात्र-छात्राओं को बाहर निकालते हुए क्लासरूम व लैब का बहिष्कार करवा दिया। इस विरोध में एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष समेत विभिन्न छात्र संगठनों के पदाधिकारी शामिल रहे।
Varanasi: छात्रों ने कुलपति से मिलने की कोशिश की
हंगामे के बीच छात्र प्रदर्शनकारी सेंट्रल लाइब्रेरी (Varanasi) में चल रहे एक कार्यक्रम में भी पहुंच गए और कुलपति से मिलने की कोशिश की, लेकिन चीफ प्रॉक्टर के.के. सिंह और सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया और उन्हें वहां से बाहर निकाला गया।

इसके बाद आक्रोशित छात्रों ने परीक्षा सेल का पुतला फूंका और उसकी जूते से पिटाई करते हुए जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन का यह निर्णय शिक्षा के अधिकार के साथ खिलवाड़ है और गरीब, ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों को हाशिए पर धकेलने की साजिश है।
प्रवेश सेल का पुतला किया दहन
छात्र नेताओं ने चेतावनी दी कि जब तक मेरिट आधारित एडमिशन का यह निर्णय वापस नहीं लिया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा और विश्वविद्यालय (Varanasi) के सामान्य संचालन को बाधित किया जाएगा। प्रदर्शन में शामिल छात्रों ने कहा कि “प्रवेश सेल का पुतला इसलिए फूंका गया ताकि उनकी सोई हुई बुद्धि जागे और इस जनविरोधी निर्णय को वापस लिया जाए।”
विश्वविद्यालय प्रशासन (Varanasi) की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन लगातार बढ़ते छात्र विरोध को देखते हुए संभावना है कि जल्द ही स्थिति को शांत करने के लिए वार्ता की पहल की जा सकती है।