Varanasi: मदनपुरा इलाके के बंद मंदिर में पूजा-अर्चना शुरू कराने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। सोमवार को सनातन रक्षक दल के पदाधिकारियों ने एसीपी दशाश्वमेध धनंजय मिश्रा से मुलाकात की। इस दौरान महिलाओं ने गोदौलिया चौराहे पर शंख बजाकर सांकेतिक प्रदर्शन कर प्रशासन के खिलाफ विरोध जताया।
Varanasi: मौखिक अनुमति पर उठे सवाल
सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन ने मौखिक रूप से मंदिर में पूजा-अर्चना की अनुमति दी थी, लेकिन स्थानीय पुलिस से लिखित आदेश न मिलने के कारण पूजा अब तक शुरू नहीं हो सकी। पुलिस का कहना है कि उन्हें मंदिर खोलने से संबंधित कोई आधिकारिक आदेश नहीं मिला है, जिसके चलते प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई।
शंखनाद के जरिए सांकेतिक विरोध
सनातन रक्षक दल के सदस्यों ने प्रशासन को जगाने के लिए गोदौलिया चौराहे पर शंखनाद कर प्रतीकात्मक प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि मंदिर में पूजा शुरू करने की अनुमति दी जाए। संगठन का कहना है कि प्रशासन ने पहले इस बात पर सहमति जताई थी कि स्थानीय लोगों को मंदिर में पूजा करने पर कोई आपत्ति नहीं होगी, लेकिन अब लिखित आदेश न मिलने से यह प्रक्रिया रुक गई है।
विवाद की शुरुआत
मदनपुरा के गोल चबूतरा इलाके में स्थित मकान नंबर डी-31/65 के पास के बंद मंदिर को लेकर विवाद 17 दिसंबर को शुरू हुआ। सनातन रक्षक दल के कार्यकर्ता मंदिर में पूजा शुरू कराने पहुंचे थे, लेकिन प्रशासन ने स्वामित्व की जांच का हवाला देते हुए पूजा रोक दी।
प्रशासनिक जांच और सहमति
जिला प्रशासन ने मंदिर से संबंधित दस्तावेजों की जांच की और पाया कि यह एक सार्वजनिक स्थल है, जहां हिंदू समाज को पूजा का अधिकार है। प्रशासन ने स्थानीय मुस्लिम समुदाय से भी चर्चा की, जिसमें उन्होंने मंदिर खोलने और पूजा शुरू करने पर सहमति जताई।
Highlights
सांप्रदायिक सौहार्द बना रहा
मंदिर से सटे भवन को 1992 में एक हिंदू परिवार ने मुस्लिम परिवार को बेचा था। मुस्लिम परिवार वहां रह रहा है, लेकिन मंदिर को कभी नुकसान नहीं पहुंचाया गया। स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने मंदिर खोलने और पूजा की प्रक्रिया में कोई आपत्ति न होने की बात कही है।