Varanasi: पुलिस की बंदूकें मंगलवार की देर रात गरजीं और शहर की सड़कों पर अपराधियों के लिए खतरे की घंटी बज गई। लंका और भेलूपुर थाने की संयुक्त टीम ने सोमवार रात कुख्यात तितली गैंग के सरगना सचिन रावत को एक मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान सचिन के पैर में गोली लग गई, जबकि उसका साथी समीर मौके से गिरफ्तार कर लिया गया।
मुठभेड़ भेलूपुर थाना क्षेत्र में हुई, जहां पुलिस चोरी के बढ़ते मामलों को लेकर विशेष अभियान चला रही थी। सूत्रों के अनुसार, मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने दोनों आरोपियों को घेरने की कोशिश की, लेकिन बदमाशों (Varanasi) ने जवाब में फायरिंग शुरू कर दी। आत्मरक्षा में पुलिस की ओर से भी जवाबी गोलीबारी की गई, जिसमें सचिन घायल हो गया। उसे इलाज के लिए तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
Varanasi: भारी मात्रा में चोरी का सामान बरामद
डीसीपी क्राइम शरवण टी ने बताया कि यह मुठभेड़ एक सुनियोजित कार्रवाई थी, जो मुखबिर से मिली सटीक जानकारी पर आधारित थी। उन्होंने बताया कि घटना के बाद पुलिस (Varanasi) ने मौके से भारी मात्रा में चोरी का सामान बरामद किया है, जिसकी कीमत लगभग 6 लाख रुपये आंकी गई है।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले भेलूपुर के दुर्गाकुंड इलाके (Varanasi) में एक बंद मकान में चोरी की वारदात हुई थी। उस मामले में भी तितली गैंग के हाथ होने की पुष्टि हुई थी। उसी कड़ी में पुलिस ने पहले ही चार चोरों को पकड़कर जेल भेजा था।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, सचिन रावत पर 16 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि समीर के खिलाफ 9 मुकदमे लंबित हैं। दोनों लंबे समय से पुलिस को चकमा दे रहे थे और वाराणसी समेत आसपास के इलाकों में चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे थे।
इस कार्रवाई (Varanasi) से न केवल तितली गैंग की कमर टूटी है, बल्कि वाराणसी पुलिस ने यह भी स्पष्ट संदेश दे दिया है कि अब शहर में अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं बची है।


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