Varanasi: चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन मां श्रृंगार गौरी की पूजा-अर्चना की मान्यता है। ऐसे में सभी भक्तों ने शुक्रवार को मां श्रृंगार गौरी की पूजा-अर्चना की। उनकी विधि-विधान से पूजन-अर्चन करने के बाद भव्य कलशयात्रा निकाली गई। सभी श्रद्धालुओं ने पूजा करके मां से उनके नियमित दर्शन की कामना की। ज्ञानवापी परिसर [Varanasi] में स्थित श्रृंगार गौरी के दर्शन के लिए निकाली गई शोभायात्रा। इसमें चारों वादिनी संग आदि महादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्यास के हजारों श्रद्धालु शामिल हुए।
Varanasi: मां श्रृंगार गौरी के जयकारे गूंजा ज्ञानवापी परिसर
इस दौरान हिन्दूवादी संगठनों के लोग भी मौजूद रहे। साथ ही साथ नियमित दर्शन के लिए न्यायालय में वादी महिलाओं सहित वकील और ज्ञानवापी केस से जुड़े पक्षकार भी माता के दर्शन के लिए निकले। चैत्र नवरात्रि की चतुर्थी पर तहखाने में कड़ी सुरक्षा के बीच महिलाओं व अन्य भक्तों को प्रवेश दिया गया। श्रृंगार गौरी की पूजा की गई।
शोभायात्रा मैदागिन के गोरखनाथ मठ [Varanasi] से शुरू हुई। इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद ने सदस्य भी काशी विश्वनाथ मंदिर स्थित मां श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन के लिए पहुंचे। मंदिर परिसर के बाहर हजारों लोग इकट्ठा हो गए। वह हर-हर महादेव और मां श्रृंगार गौरी के जयकारे लगाने लगे। माता के जयकारे से पूरा ज्ञानवापी परिसर गुंजायमान हो उठा।
श्रृंगार गौरी का मंदिर [Varanasi] श्री काशी विश्वनाथ मंदिर व ज्ञानवापी मस्जिद के पीछे ईशान कोण में स्थित है। श्रृंगार गौरी का दर्शन-पूजन वर्ष भर में सिर्फ एक दिन, वह भी वासंतिक नवरात्र के चौथे दिन ही होता है। वर्ष 2004 से सिर्फ एक दिन वासंतिक नवरात्र के चौथे दिन [Varanasi] मां के दर्शन-पूजा की इजाजत मिली थी। माता रानी का विग्रह ज्ञानवापी परिसर स्थित दीवार के ताखे में है। साल भर सुरक्षा के लिहाज से इस मंदिर तक जाने की इजाजत नहीं होती है।