Varanasi: वाराणसी में बुधवार को शिवसैनिकों का एक अलग ही रूप देखने को मिला। छत्रपति शिवाजी महाराज के त्याग और बदिलान को आजीवन लोगों के बीच जीवित रखने के लिए और उनके सम्मान में वाराणसी के सेंट्रल जेल तिराहे पर उनकी प्रतिमा की स्थापना की मांग की गई. इसके लेकर शिवसैनिकों ने भव्य जुलुस निकाला। सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने कचहरी स्थित जेपी मेहता कॉलेज से जुलूस निकालकर सेंट्रल जेल तिराहे तक मार्च किया और वहां भूमिपूजन कर प्रतिमा स्थापना की मांग दोहराई।

पत्रक पर कोई कार्यवाही ना होने के बाद निकाला जुलूस
बता दें कि शिवसैनिकों ने प्रशासन को पहले ही ज्ञापन सौंपकर प्रतिमा लगाने का अनुरोध किया था, लेकिन कोई कार्रवाई न होने के कारण उन्होंने यह रुख अपनाया। डमरू-शंखनाद और जयकारों के बीच शिवसैनिकों ने छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत और उनके काशी से जुड़ाव को याद करते हुए जल्द से जल्द प्रतिमा स्थापित (Varanasi) करने की मांग की।
शिवसैनिकों में नजर आया बेहद जोश
जुलुस निकलते हुए सभी शिवसैनिक उस स्थान पर पहुंचकर भूमिपूजन किया, जहां प्रतिमा लगाई जानी है। हाथों में शिवसेना का झंडा लिए सभी शिव सैनिक लगातार छत्रपति शिवाजी महाराज की जयकारे लगाते नजर आए। इस मौके पर पुरे रास्ते सभी में बेहद जोश और उत्साह देखने को मिला। आगे-आगे डमरुओं का वादन और पीछे चलते जोश से भरे शिवसैनिक, यह दृश्य देखते ही बन रहा था।

डमरू व शंखनाद के बीच हुआ भूमिपूजन
इस दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के संभावित स्वरूप का चित्र भी रखा गया। भूमिपूजन (Varanasi) के पश्चात डमरू व शंख बजाकर विधिवत आरती और पूजा संपन्न की गई। शिवसैनिकों ने एकजुट होकर प्रशासन से जल्द से जल्द प्रतिमा लगाने की मांग की।

इस दौरान शिवसेना के राज्य प्रमुख और मंडल प्रभारी अजय चौबे का कहना रहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का बनारस से बेहद लगाव रहा, उन्होंने यहाँ पंचकोश यात्रा (Varanasi) की थी और उनके त्याग, बलिदाल और जोश को हमेशा आने वाली पीढ़ी भी याद रखे इसके लिए हमने यहाँ छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा की स्थापना की मांग की है, इससे पूर्व ही हमने पत्रक दे रखा था लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है, वहीं आज हमने यहाँ सेंट्रल जेल तिराहे पर भूमिपूजन किया है।

वहीं शिवसैनिक रमेश बधावन ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए अपने जीवन में कई युद्ध लड़े और काशी में काली मंदिर की स्थापना भी की थी। उनकी विरासत को सम्मान देने के लिए सेन्ट्रल जेल (नवनिर्मित) तिराहे (Varanasi) पर उनकी प्रतिमा लगाना अति आवश्यक है।
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