Varanasi: महाराष्ट्र में हिंदी भाषियों पर कथित अत्याचार को लेकर एक बार फिर विवाद गहराता जा रहा है। मुंबई से वाराणसी लौटे उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रवासियों ने आरोप लगाया है कि मराठी भाषा न बोल पाने के कारण उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है।

वाराणसी (Varanasi) के कैंट रेलवे स्टेशन पर भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के काशी क्षेत्र के उपाध्यक्ष अनूप जायसवाल के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने ट्रेन से लौटे मराठी नागरिकों का तिलक, माल्यार्पण और मिठाई खिलाकर उनका स्वागत कर भाईचारे का संदेश दिया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने कहा कि हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा है और किसी भी राज्य में किसी व्यक्ति को उसकी भाषा के आधार पर प्रताड़ित करना निंदनीय है।

Varanasi: मराठी ना बोलने पर लोगों पर हो रहा अत्याचार
अध्यक्ष अनूप जायसवाल ने कहा कि महाराष्ट्र में आगामी निकाय चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाषा को हथियार बनाकर वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूपी-बिहार से रोजगार के लिए गए वहां गए मजदूरों और युवाओं को केवल इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वे मराठी नहीं बोल पाते। उन्हें लगातार धमकाया और मारा-पीटा जाता है। केवल इसलिए कि वह मराठी नहीं बोलते। क्या अब भारत में रहने के लिए भाषा प्रमाणपत्र जरूरी हो गया है? हम वहां काम करने जाते हैं, अपराध करने नहीं।

इसके आलावा वाराणसी (Varanasi) पहुंचे एक प्रवासी युवक ने यूपी और बिहार की सरकारों से अपील करते हुए कहा कि “राज्य सरकारों को चाहिए कि वे अपने राज्यों में ही रोजगार के अवसर पैदा करें ताकि हमें पलायन करके महाराष्ट्र जैसे राज्यों में जाकर अपमान और अत्याचार न झेलना पड़े।”