Varanasi: बीते 27 मार्च को अधिवक्ता सुरेंद्र पटेल के गायब होने की खबर से महकमें में सनसनी फ़ैल गई थी। पुलिस अधिकारियों द्वारा हफ्ते बीतने के बाद भी कोई सुराग ना मिलने पर सीएम योगी तक इस बात को अन्य अधिवक्तागणों ने पहुंचाया। इसके बाद इस मामले को संज्ञान में लेते हुए अधिवक्ता को ढूंढने के लिए CM Yogi से अधिकारियों से गुहार लगाई थी। लेकिन अब इस मामले को लेकर एक चौंका देने वाला मोड सामने आया है।
दरअसल, वाराणसी [Varanasi] के भुल्लनपुर के रहने वाले अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार पटेल ने अलग-अलग बैंक से लोन लिए हुए लगभग छह लाख रुपये शेयर मार्केट में गंवा दिए थे। इसके बाद उसे कुछ नहीं सूझा तो वह अपने अपहरण की झूठी कहानी रच कर गायब हो गया। जी हाँ, अधिवक्ता ने खुद अपने अपहरण की बात फैलाई थी। बात यह है कि इस तरीके से किसी अधिवक्ता के द्वारा स्वांग रचना क्या सही है? अगर भविष्य में ऐसी कोई वारदात सच में होती है तो उसपर कैसे कोई विशवास करेगा?
गायब होने के 20वें दिन सोमवार की रात सुरेंद्र को कमिश्नरेट [Varanasi] की एसओजी और मंडुवाडीह थाने की पुलिस की संयुक्त टीम ने प्रयागराज रेलवे स्टेशन से बरामद कर लिया। रात लगभग 12 बजे पुलिस टीम अधिवक्ता को लेकर बनारस पहुंची। पूछताछ की प्रक्रिया पूरी कर आज प्रकरण का पुलिस खुलासा किया जाएगा।
[Varanasi] ये है पूरा मामला
विगत 27 मार्च को सुरेंद्र कुमार पटेल घर से कचहरी के लिए निकला था। दोपहर में उसने अपने बड़े भाई राजेंद्र को मैसेज किया कि बचाओ, मैं गेट नंबर चार पर हूं। इसके बाद उसका भाई फुलवरिया गेट नंबर चार के पास पहुंचा। जहाँ से उसे सुरेंद्र की बाइक मिली। काफी खोजबीन के बाद भी सुरेंद्र का कहीं पता नहीं लगा तो मंडुवाडीह थाने में अपहरण का मुकदमा दर्ज किया गया।
सोमवार रात प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर मिले सुरेंद्र से पुलिस की पूछताछ में प्रथमदृष्टया सामने आया कि बनारस से जाने के बाद वह अपना मोबाइल बंद कर देश के अलग-अलग शहरों में घूम रहा था। इस बीच एसओजी प्रभारी मनीष कुमार मिश्र और मंडुवाडीह थानाध्यक्ष [Varanasi] भरत उपाध्याय की टीम ने सुरेंद्र को प्रयागराज में चिन्हित कर पकड़ लिया।
उधर, पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने बताया कि अधिवक्ता को हमारी टीम शहर लेकर आ गई है। गायब होने की वजह के बारे में पूछताछ की जा रही है। पूछताछ के बाद आज मंगलवार को पूरी जानकारी साझा की जाएगी।