varanasi: चौबेपुर स्थित स्वर्वेद महामंदिर धाम, उमरहा में बुधवार को ‘अ’ अंकित श्वेत ध्वजारोहण के साथ समर्पण दीप अध्यात्म महोत्सव — विहंगम योग के 102वें वार्षिकोत्सव एवं 25,000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ का भव्य शुभारम्भ हुआ। सद्गुरु आचार्य श्री स्वतंत्र देव जी महाराज एवं संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज के पावन सान्निध्य में प्रारम्भ हुए इस आयोजन में देश–विदेश से आए हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे। महोत्सव के प्रथम दिवस अपने मंगल प्रवचन में स्वर्वेद कथामृत के प्रवर्तक संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज ने कहा कि सत्य पर पूर्ण विश्वास ही श्रद्धा है। मन को साधने वाला व्यक्ति जीवन में शांति और समाधान प्राप्त करता है।

varanasi: लगभग ढाई घंटे चली स्वर्वेद कथा
उन्होंने कहा कि बाहरी संघर्ष मन की हार से जन्म लेते हैं और आंतरिक शांति के अभाव में ही विश्व अशांत दिखाई देता है। संतश्री ने भारतीय संस्कृति को विश्व की आदि संस्कृति बताते हुए कहा कि भारत भूमि मात्र भूभाग नहीं, बल्कि हमारी मातृभूमि है, जिससे हम अलग नहीं हो सकते। लगभग ढाई घंटे चली स्वर्वेद कथा (varanasi) के दौरान स्वर्वेद के दोहों की संगीतमय प्रस्तुति ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
संत प्रवर ने ब्रह्मविद्या विहंगम योग के सिद्धांतों और स्वर्वेद (varanasi) की ज्ञानधारा का विवेचन करते हुए आध्यात्मिक उत्थान के लिए क्रियात्मक ज्ञान की दीक्षा भी प्रदान की।ध्वजारोहण के पश्चात योग सत्र आयोजित हुआ, जिसमें कुशल प्रशिक्षकों ने आसन, प्राणायाम और ध्यान के माध्यम से हज़ारों साधकों को शारीरिक–मानसिक आरोग्यता का मार्ग बताया।महोत्सव स्थल पर प्रतिदिन आयुर्वेद, योग, पंचगव्य, होम्योपैथ सहित विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों के विशेषज्ञ रोगियों को निःशुल्क परामर्श दे रहे हैं।

सायंकालीन सत्र में विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों (varanasi) से वातावरण को आध्यात्मिक आनंद से भर दिया। वहीं महायज्ञ परिसर में भारतीय सांस्कृतिक व्यंजनशाला में उत्तर से दक्षिण भारत तक के पारंपरिक व्यंजनों के स्टॉल आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।आज प्रातः 10 बजे वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच 25,000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ का शुभारम्भ होगा। ढाई घंटे तक चलने वाले इस वैदिक अनुष्ठान में सद्गुरु आचार्य श्री स्वतंत्र देव जी महाराज एवं संत प्रवर विज्ञान देव जी महाराज की उपस्थिति रहेगी।
सद्गुरु सदाफल देव आप्त वैदिक गुरुकुल के 101 बटुक यज्ञ में मंत्रोच्चार करेंगे। आश्रम प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु 30 CNG ऑटो की व्यवस्था की है। सुरक्षा के लिए 500 विहंगम सुरक्षा बल, पुलिस बल, महिला पुलिस तथा अग्निशमन दल तैनात हैं। आयोजकों के अनुसार, इस दिव्य महायज्ञ (varanasi) में देश के कोने–कोने से आए लगभग डेढ़ लाख श्रद्धालु हवन–यज्ञ में आहुतियाँ अर्पित करेंगे।

