Varanasi Sapa Protest: जानलेवा चाइनीज मांझे का खतरा वाराणसी में थमने का नाम नहीं ले रहा। मासूम बच्चों से लेकर बुजुर्गों और राहगीरों तक, हर किसी के लिए यह खतरनाक साबित हो रहा है। प्रशासन की निष्क्रियता और मांझे की अवैध बिक्री पर सवाल खड़े करते हुए समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने रविवार को टाउन हॉल स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष मौन उपवास रखा।
इस प्रदर्शन का नेतृत्व समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश महासचिव किशन दीक्षित ने किया। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां लेकर सरकार और प्रशासन के खिलाफ विरोध (Varanasi Sapa Protest) जताया। इस दौरान, हाल ही में चाइनीज मांझे की चपेट में आकर विवेक शर्मा की मौत का मामला चर्चा का केंद्र रहा, जिसने लोगों के गुस्से को और भड़का दिया।
Varanasi Sapa Protest: तख्तियां लेकर किया मौन प्रदर्शन
मौन प्रदर्शन में शामिल लोगों ने हाथों में तख्तियां पकड़ी थीं, जिन पर लिखा था: “हवा में उड़ती मौत का परवाना, रोक कौन लगाएगा?”, “प्रतिबंधित है, फिर भी बिक रहा क्यों?”, “खरीदने और बेचने वाले दोनों गुनाहगार!”, “कल आप भी हो सकते हैं इसके शिकार!” इन नारों के जरिए प्रदर्शनकारियों (Varanasi Sapa Protest) ने चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध लागू करने और सख्त कार्रवाई की मांग की।
पूर्व पार्षद मनोज यादव ने कहा कि चाइनीज मांझे के कारण हर साल कई परिवारों के घर का चिराग बुझ जाता है। उन्होंने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि इस खतरनाक धागे की बिक्री और उपयोग पर कड़ाई से प्रतिबंध (Varanasi Sapa Protest) लगाया जाना चाहिए।
वहीं, किशन दीक्षित ने कहा, “मकर संक्रांति के दौरान पतंगबाजी परंपरा का हिस्सा है, लेकिन चाइनीज मांझा त्योहार को मौत का त्योहार बना रहा है। प्रशासन की नाकामी और ढिलाई के कारण (Varanasi Sapa Protest) यह खूनी खेल जारी है।” उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने शीघ्र ही कड़ा कदम नहीं उठाया, तो यह समस्या और भयावह रूप ले सकती है।
प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन से मांग की कि चाइनीज मांझे की बिक्री और इस्तेमाल पर सख्ती से रोक लगाई जाए। साथ ही, इसे बेचने वालों और इस्तेमाल करने वालों पर कड़ी कार्रवाई (Varanasi Sapa Protest) की जाए, ताकि भविष्य में किसी निर्दोष की जान न जाए।
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