Varanasi: महाराष्ट्र में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज का भव्य स्वागत और समर्थन देखने को मिला। गौ माता के सम्मान और सुरक्षा को लेकर चल रहे उनके अभियान को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का समर्थन प्राप्त हुआ है। अविमुक्तेश्वरानंद जी ने स्पष्ट किया कि जो नेता गौ माता का सम्मान और सेवा करता है, उसे जनता का समर्थन और आशीर्वाद अवश्य मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि 78 वर्षों में एकनाथ शिंदे पहले ऐसे नेता हैं जिन्होंने गौ माता को मां का दर्जा दिया है और इसी वजह से उनकी सरकार (Varanasi) को फिर से चुना जाना चाहिए। उन्होंने हिंदू समाज से अपील की कि वे ऐसे नेताओं का समर्थन करें जो धर्म और आस्था के प्रतीकों का आदर करते हैं।
“बटेंगे तो कटेंगे” बयान पर जमकर जताई नाराजगी
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के “बटेंगे तो कटेंगे” बयान पर जमकर नाराजगी जताई। उन्होंने योगी के इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि बटेंगे कैसे जब हमारे अंदर का भाईचारा खत्म हो जायेगा। ये भाईचारा (Varanasi) हमारे अंदर मां से ही आती है। इसीलिए जो लोग यह कह रहे हैं कि बाटेंगे तो कटेंगे तो उन्हें गाय को तत्काल राष्ट्रमाता घोषित कर देना चाहिए। ताकि सबके अंदर भाईचारा विकसित हो जाये।
गाय को क्यों नहीं दिया जा रहा राष्ट्रमाता का दर्जा- शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद
इस दौरान (Varanasi) शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज भड़के नजर आयें। उन्होंने आगे कहा कि सरकार के लोगों को जो नारा देना है वह दें, लेकिन जिस कारण से हम नहीं बटेंगे उस कारण को भी तो देखे। सामने वाला कहता है कि गाय हमारी मां है। गाय हमें जोडती है क्योंकि वह हमारी मां है। तो फिर उस मां को राष्ट्र माता का दर्जा क्यों नहीं दे रहे हो। आप जगह-जगह नारा देते हैं लेकिन आपके मुंह से गाय के लिए मां शब्द क्यों नहीं निकल रहा है।
Varanasi: 78 सालों से सह रहे अब नहीं- शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद
उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि जब महाराष्ट्र सरकार गौ माता के सम्मान में कदम उठा सकती है, तो अन्य राज्य सरकारें विशेष रूप से उत्तर प्रदेश सरकार ऐसा क्यों नहीं कर रहीं। सिर्फ महाकुंभ में ही नहीं हर जगह यही मुद्दा है। हमारी मां को काँटा जा रहा है तो हम दूसरा मुद्दा क्यों लेंगे तुम्हारी मां कांटी जाएंगी तो क्या तुम दूसरा मुद्दा ले लोगे। 78 सालों से हम इन्तजार में है। 78 सालों से सह रहे हैं लेकिन अब नहीं। अब हमारी गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित करना ही होगा।
Comments 1