Varanasi: मदनपुरा इलाके में बुधवार को 150 साल पुराना एक मंदिर 40 साल बाद फिर से खोला गया। लंबे समय तक बंद रहने के कारण मंदिर के दरवाजे जाम हो चुके थे, जिन्हें कटर मशीन की मदद से खोला गया। मंदिर खुलने के बाद अंदर लगभग 2 फीट मिट्टी जमा मिली, जिसे साफ करने पर तीन खंडित शिवलिंग मिले। मंदिर खुलने की खबर सुनकर स्थानीय लोग और महिलाएं वहां पहुंचे और गंगाजल से शिवलिंग और परिसर की सफाई की।
खंडित शिवलिंग गंगा में प्रवाहित किए जाएंगे
मंदिर की सफाई के बाद हिंदू संगठनों ने गंगाजल अर्पित किया और हर हर महादेव के जयघोष किए। चार शिवलिंग के स्थल मिले, जिनमें से एक गायब था। तीन शिवलिंग खंडित स्थिति में मिले। हिंदू संगठन के अध्यक्ष अजय शर्मा ने बताया कि खंडित शिवलिंग की पूजा नहीं की जाती, इसलिए उन्हें विधि-विधानपूर्वक गंगा में प्रवाहित किया जाएगा।

14 जनवरी के बाद प्राण प्रतिष्ठा
चूंकि वर्तमान में खरमास चल रहा है, इसलिए 14 जनवरी के बाद मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसके लिए काशी विद्वत परिषद और अन्य विद्वानों से परामर्श किया जाएगा। पूजा प्रक्रिया विधिवत तरीके से पूरी की जाएगी।
मुस्लिम समुदाय का समर्थन
मंदिर खुलने पर स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मंदिर खुलने से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, बस क्षेत्र में शांति बनी रहनी चाहिए।

बंगाली समाज की महिलाओं ने किया पहला जलाभिषेक
मंदिर खुलने के बाद सबसे पहला जलाभिषेक बंगाली समाज की महिलाओं ने किया। उन्होंने बताया कि मंदिर खुलवाने के लिए उन्होंने काफी प्रयास किए और लोगों का समर्थन भी मिला।

शिवलिंग की पुनर्स्थापना के लिए बैठक
काशी विद्वत परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री राम नारायण द्विवेदी ने कहा कि खंडित शिवलिंग को गंगा में प्रवाहित करने के बाद शास्त्रीय पद्धति से नए शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। उन्होंने कहा कि मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए भी योजना बनाई जाएगी।
Highlights
हिंदू संगठनों ने की शांति की अपील
हिंदू संगठनों ने स्थानीय लोगों से शांतिपूर्ण तरीके से मंदिर का दर्शन करने और क्षेत्र में शांति बनाए रखने की अपील की। फिलहाल 14 जनवरी तक केवल शिखर दर्शन की अनुमति दी गई है।