वाराणसी (Varanasi) की युवा प्रतिभा और समाजसेवा में सक्रिय भूमिका निभा रहे शुभम कुमार सेठ को राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी पहचान मिली है। दिल्ली स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित सेमिनार और सम्मान समारोह में सैल्यूट अचीवर्स ऑनरेबल संस्था द्वारा उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि और यूथ अवार्ड 2025 से सम्मानित किया गया।
यह सम्मान उन्हें शिक्षा और समाजसेवा में लगातार 10 वर्षों के उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि तिब्बतन पार्लियामेंट के डिप्टी स्पीकर येशी फुटसोक द्वारा उन्हें यह सम्मान भेंट किया गया। इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में देशभर से 11 विभूतियों को विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया, जिनमें उत्तर प्रदेश से केवल शुभम (Varanasi) को यह गौरव प्राप्त हुआ।

शुभम कुमार सेठ, श्री हरिश्चन्द्र पी.जी. कॉलेज वाराणसी (Varanasi) के सत्र 2016-17 में छात्रसंघ महामंत्री रह चुके हैं। वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सक्रिय कार्यकर्ता हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से प्रशिक्षित कार्यकर्ता के रूप में वर्षों से संगठनात्मक और सामाजिक गतिविधियों में योगदान देते आ रहे हैं। उन्होंने ABVP के साथ 8 वर्षों तक जुड़े रहकर विभिन्न दायित्वों का सफल निर्वहन किया है।
शुभम (Varanasi) को इससे पहले भी मिले कई प्रतिष्ठित सम्मान
- काशी रत्न सम्मान 2024 (इंडियन एसोसिएशन ऑफ जर्नलिस्ट, वाराणसी द्वारा)
- स्वर्ण गौरव अलंकरण 2018 (अखिल भारतीय स्वर्णकार संघ द्वारा)
- प्रशस्ति पत्र 2020 (उत्तर प्रदेश सरकार व जिलाधिकारी, वाराणसी द्वारा कोविड सेवा कार्यों के लिए)
इतना ही नहीं, खेल क्षेत्र में भी शुभम (Varanasi) ने अपनी पहचान बनाई है। ताइक्वांडो में राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर उन्होंने कई गोल्ड और सिल्वर मेडल हासिल किए हैं। विभिन्न विद्यालयों द्वारा भी उन्हें ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविरों में उत्कृष्ट प्रशिक्षण देने के लिए सम्मानित किया जा चुका है।
सम्मान प्राप्त करने के बाद अपने उद्बोधन में शुभम ने ‘हर-हर महादेव’ के जयघोष के साथ कहा कि यह सम्मान उनके लिए केवल एक उपाधि नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है जिसे वह पूरी निष्ठा और लगन से निभाते रहेंगे। उन्होंने कहा, “यह पुरस्कार मेरे लिए देश और समाज के प्रति समर्पण का प्रतीक है। मैं जीवनभर समाज के अंतिम व्यक्ति तक सेवा पहुंचाने का संकल्प दोहराता हूँ।”
उन्होंने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, गुरुजनों, RSS व ABVP (Varanasi) से प्राप्त प्रेरणा को दिया और संस्था के आयोजकों व अतिथियों के प्रति आभार जताया। जैसे ही इस सम्मान की खबर वाराणसी पहुँची, काशीवासियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। बड़ी संख्या में लोगों ने उन्हें फोन व मुलाकात कर बधाई दी। युवा वर्ग में भी शुभम की इस उपलब्धि को प्रेरणादायक माना जा रहा है।