Varanasi: चाइनिज मांझे की खतरनाक प्रवृत्ति और इसके चलते हो रही दुर्घटनाओं के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने सोमवार को एक अनोखे तरीके से विरोध प्रदर्शन किया। 21 फीट ऊंचे प्रतीकात्मक चाइनिज राक्षस के पुतले के साथ गंगा घाटों पर विरोध मार्च निकाला गया, जो लोगों और पर्यटकों के बीच चर्चा का विषय बना रहा।
गंगा के पार बालू में दफनाया गया चाइनिज मांझा राक्षस
पुलिस की सख्ती के बावजूद, सपा नेता किशन दीक्षित के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने मोटरबोट पर पुतले को सरायमोहाना से रवाना किया। गंगा के प्रमुख घाटों जैसे नमो घाट, दशाश्वमेध, मणिकर्णिका, और अस्सी घाट (Varanasi) से गुजरते हुए इस पुतले को गंगा के पार बालू में दफना दिया गया। पुतले पर “मैं चाइनिज मांझा राक्षस हूं, मैं लोगों का खून पीता हूं” लिखा हुआ था।

Varanasi: विशाल पुतले को देखकर लोग रह गए आश्चर्यचकित
प्रदर्शन के दौरान गंगा घाट पर जमा हुए स्थानीय लोग और पर्यटक इस विशाल पुतले को देखकर आश्चर्यचकित रह गए। उन्होंने इसे अपने कैमरों में कैद किया। प्रदर्शनकारियों (Varanasi) ने चाइनिज मांझे पर प्रतिबंध लगाने और इसके खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की।

सपा नेता किशन दीक्षित ने चाइनिज मांझे को “मौत का सामान” बताते हुए कहा कि यह न केवल पक्षियों बल्कि इंसानों के लिए भी घातक है। उन्होंने सरकार और प्रशासन पर लापरवाही (Varanasi) का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रतिबंध के बावजूद यह मांझा खुलेआम बिक रहा है।

प्रदर्शन में शामिल पूर्व पार्षद मनोज यादव और लोहिया वाहिनी के नेता संदीप मिश्रा ने कहा कि यह समय है जब समाज को एकजुट होकर इस खतरे के खिलाफ खड़ा होना चाहिए। लोगों (Varanasi) को चाइनिज मांझे के इस्तेमाल से बचने और इसके खिलाफ जागरूकता फैलाने की अपील की गई।

बताते चलें कि महाकुंभ 2025 के दौरान काशी में पहले से ही लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ जुट रही है। ऐसे में चाइनिज मांझे और उससे जुड़े मुद्दों को लेकर उठे इस विरोध प्रदर्शन ने प्रशासन के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है।
चाइनिज मांझे (Varanasi) के खिलाफ यह अनोखा विरोध प्रदर्शन जहां जागरूकता फैलाने का माध्यम बना, वहीं प्रशासन को भी इसके खिलाफ कार्रवाई तेज करने के लिए प्रेरित कर गया। अब देखना होगा कि इस मुद्दे पर सरकार और प्रशासन कितना सख्त कदम उठाते हैं।