- पिरामल फाउन्डेशन (Varanasi) की ओर से वैन लोगों को जागरूक करेगा
- मंत्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालू’ ने हरी झण्डी दिखाकर वैन को रवाना किया
- टी. बी. मुक्त ग्राम पंचायत अभियान के तहत इसका किया गया उद्घाटन
वाराणसी। टी. बी. हारेगा, देश जीतेगा इस पहल के साथ आज टी.बी. मुक्त्त पंचायत अभियान की नींव छेड़ी गयी। इस अभियान के तहत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा पिरामल फाउन्डेशन की ओर से एक वैन जो टी. बी. के लिए लोगों को जागरूक करेगा, लोगों को इसके बारे में बताएगा इस सोच के साथ वाराणसी से रवाना की गयी। मंत्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालू’ (Varanasi) ने इस वैन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।

यह वैन देश के ऐसे क्षेत्र जहां अभी टी. बी. अभी भी है और लोग इसके प्रति जागरूक नहीं है, वहां जाकर लोगों को जागरूक करेगा। इस दौरान सीडीओ हिमांशु नागपाल (Varanasi) ने मंत्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालू’ को बुके देकर उनका सम्मान किया और इस अच्छे कार्य की नींव में अपना सहयोग प्रदान करने के लिए उनका आभार जताया।

इस बारे में बताते हुए मंत्री मंत्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालू’ ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि टी. बी. रोग के खिलाफ देश ने काफी विजय प्राप्त कर लिया है कुछ ऐसे क्षेत्र है जहां थोड़ा बहुत यह रोग बचा है इसी के खिलाफ एक जंग इस देश में छेड़ी गयी है। आज जिला प्रशासन के सहयोग से पिरामल फाउन्डेशन के साथियों के द्वारा इस टी. बी. मुक्त वैन (Varanasi) का उद्घाटन कर इसे यहां से रवाना किया गया है।
जो उन क्षेत्रों में जाकर इसके प्रति लोगों को जागरूक करेगी क्योंकि टी. बी. एक ऐसी बिमारी है जिसके बारे में शुरू में ही लोगों को पता चल जाए तो इसका इलाज आसान है और इसके लिए जागरूक होना सबसे जरूरी है। इसलिए यह वैन यहां से रवाना की गयी है जो शहर-शहर, गांव-गांव जाकर लोगों को इसके बारे में जागरूक करेगा।

Varanasi : 2000 के नोट चलन से बहार पर क्या दिया जावाब
वहीं 2000 के नोट के चलन से बाहर करने के पीछे के कारण के बारे में उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने सिडनी में आस्ट्रेलिया के हजारों लोगों के बीच कहा कि हमारा देश डिजिटल हो गया है। पान की दुकानों से लेकर सब्जी के ठेलों तक लोग पेमेन्ट के लिए आनलाइन मैथेड का प्रयोग करते है और सभी चीजें डिजिटल हो चुकी है।

ऐसे में बाजार में 2000 के नोट नहीं दिख रही थी उसकी उपयोगिता मार्केट में नहीं इसीलिए उसको चलन से बाहर कर दिया है। हर बात के दो पहलू होते हैं और इस मुद्दे को चुनाव से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए।