वाराणसी (Varanasi) में कैंसर से जूझ रहे दो बच्चों, 12 वर्षीय दिव्यांशु और 8 वर्षीय आदर्श, की इच्छा को सामाजिक संस्था ‘मेक ए विश’ और आर्मी ऑफिसर्स ने पूरा किया। मंगलवार को इन बच्चों को 39 जीटीसी में एक दिन के लिए आर्मी ऑफिसर बनने का अवसर मिला। कर्नल आशीष के प्रयासों से बच्चों को लेफ्टिनेंट कर्नल की कुर्सी पर बैठने और अधिकारी के रूप में काम करने का अनुभव प्रदान किया गया।
आर्मी ऑफिसर की तरह मिला ट्रीटमेंट
बच्चों के आर्मी ऑफिसर बनने का सपना संस्था ‘मेक ए विश’ (Varanasi) की पहल के तहत पूरा किया गया। जब दोनों बच्चे अधिकारी की गाड़ी से 39 जीटीसी कंपाउंड पहुंचे, तो सिक्योरिटी गार्ड्स ने उन्हें सलामी दी। कर्नल आशीष ने उनका स्वागत बुके देकर किया और ऑफिस में कामकाज की प्रक्रिया समझाई। बच्चों को फाइलों पर साइन करने और फोन पर ऑर्डर देने का मौका भी दिया गया, जिससे दोनों बच्चे बेहद खुश हुए। वे करीब 2 घंटे तक 39 जीटीसी में अधिकारी की भूमिका निभाते रहे।
‘मेक ए विश’ संस्था (Varanasi) का अनूठा प्रयास
‘मेक ए विश’ संस्था के वॉलंटियर सोमेश मिश्रा की ओर से कैंसर पीड़ित बच्चों (Varanasi) की अंतिम इच्छाओं को पूरा करने का प्रयास किया जाता है। इस बार सुल्तानपुर के दिव्यांशु और कुशीनगर के आदर्श की इच्छा को आर्मी ऑफिसर बनने का मौका देकर पूरा किया गया। इससे पहले, संस्था ने 7 वर्षीय प्रभात रंजन को एक दिन का पुलिस ऑफिसर बनने का अवसर प्रदान किया था।
परिवार की उपस्थिति में बच्चों की इच्छा हुई पूरी
दिव्यांशु अपने माता-पिता दीपचंद गुप्ता और बिंदु देवी के साथ पहुंचे, जबकि आदर्श अपनी मां के साथ आए। दोनों बच्चों ने कई विभागों में फोन पर निर्देश दिए और 39 जीटीसी का निरीक्षण भी किया। इस दौरान कर्नल आशीष (Varanasi) पूरे समय उनके साथ खड़े रहे। संस्था के इस प्रयास से बच्चों के चेहरे पर खुशी देखते ही बन रही थी।
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