Varanasi: “सरकार का संकल्प, सड़कों का हो कायाकल्प” – ये नारा चौबेपुर बाजार के उस 100 मीटर सड़क पर एक मज़ाक बनकर रह गया है, जो बाबतपुर एयरपोर्ट रोड से चौबेपुर बाजार वाया बिहार के साथ पूर्वांचल के कई जिलों को जोड़ता है। विगत 9 वर्षों से यह सड़क निर्माण के लिए तरस रही है। अब हालात ऐसे हैं कि स्थानीय व्यापारियों और ग्रामीणों ने विरोध में सड़क पर धान की रोपाई शुरू कर दी है।

विरोध जताने वालों का कहना है कि यह गड्ढा नहीं, “9 साल की सरकारी लापरवाही का काला गड्ढा है”, जिसमें सरकार के वादे, अधिकारियों की फ़ाइलें और नेताओं की संवेदनाएं डूब चुकी हैं।

सड़क नहीं बनी, हादसे जरूर बढ़े
स्थानीय लोगों के अनुसार, इस अधूरी सड़क पर 20 से अधिक दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें कई लोगों को गंभीर चोटें आई हैं। दुकानदारों के पास दुर्घटनाओं की तस्वीरें और वीडियो मौजूद हैं।
रामेश यादव का हाथ फैक्चर, फूलमती देवी को गंभीर चोट, और कई बच्चों को गिरकर चोटें लग चुकी हैं। कल ही बाजार में एक युवक का एप्पल मोबाइल गड्ढे में गिर गया और वह उसे तालाब (varanasi) की तरह पानी में खोजता रहा, लेकिन मोबाइल टूट गया।

सड़क निर्माण को लेकर PWD विभाग (varanasi) के जेई पीएन सिंह का कहना है कि “हमने हर स्तर पर प्रयास किया लेकिन चौबेपुर के एक व्यक्ति द्वारा सिविल न्यायालय में वाद दाखिल किए जाने के कारण कार्य अटका हुआ है।” अब तक न्यायालय में क्या जवाब दाखिल किया गया, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि “अभी इसकी जानकारी नहीं है।” यह जवाब सुनकर लोगों का गुस्सा और बढ़ गया।
Varanasi: 9 सालों से मांग जारी, कोई हल नहीं
स्थानीय व्यापारी सोनू सेठ का तंज भरा बयान था, “जब यह सड़क किसी काम की नहीं रही, तो हम लोगों ने सोचा कि इस पर धान की रोपनी (varanasi) कर दी जाए, ताकि लोगों को भ्रम न रहे कि यह कोई रोड है।”

बाजार के व्यापारी पप्पू ने बताया कि कैंटोनमेंट रोड पर हाईकोर्ट का स्टे था, फिर भी सरकार ने निर्माण कराया, लेकिन यहां कोई संज्ञान नहीं ले रहा।
गड्ढों से परेशान होकर आज ग्रामीणों और व्यापारियों (varanasi) ने सड़क पर ट्रैक्टर खड़ा कर विरोध जताया, और फिर उस पर धान की रोपाई शुरू कर दी। लोगों का कहना है कि अगर सरकारें सिर्फ़ मुकदमों की आड़ लेकर मूकदर्शक बनी रहेंगी, तो जनता को मजबूर होकर ऐसे कदम उठाने ही पड़ेंगे।

जनप्रतिनिधियों की नाकामी, जनता में गुस्सा
यह वही क्षेत्र है जहां एक ओर कैबिनेट मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे का निवास है और दूसरी ओर सत्ताधारी विधायक का प्रतिनिधित्व। बावजूद इसके 100 मीटर की सड़क 9 सालों से अधूरी पड़ी है। लोगों का कहना है कि जब इतनी छोटी सड़क पूरी नहीं हो सकी तो प्रदेश में “गड्ढा मुक्त सड़क” का दावा खोखला साबित होता है।
स्थानीय लोगों की मांग है कि जिस व्यक्ति से मुकदमा चल रहा है, उसे और PWD विभाग को आमने-सामने बैठाकर समाधान निकाला जाए। इस बीच, गड्ढों को तत्काल भरा जाए, ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके और लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित हो।