Viral Fever: मौसम में उतार-चढ़ाव के चलते अस्पताल में अचानक मरीजों की संख्या बढ़ गई है। मंडलीय अस्पताल में बुखार व गैस्ट्राइटिस से पीड़ित 40 मरीज समेत 80 नए मरीज शुक्रवार को भर्ती कराये गये है। जिसके चलते अस्पताल के कई वार्ड मरीज से फूल हो गए हैं। हालत यह है कि बच्चों के वार्ड में बड़े मरीज रखे जा रहे हैं।
मौसम में हो रहे परिवर्तन के चलते शुक्रवार को अचानक मरीजों की संख्या बढ़ गयी है। मण्डलीय अस्पताल में आज बुखार व गैस्ट्राइटिस से पीड़ित शहर के विभन्न क्षेत्रों के भर्ती मरीजों में नीलम, नीतीश पांडेय, राकेश चौबे, अनिता, प्रेमलता, हिमांशी, अमरावती, राजाराम, बलराम, जंतर देवी, शिवम कुमार, कलावती, गोपाल, मिनी देवी, कुँवर गुप्ता, तलीमुन्निशा, आरती साहनी समेत 40 मरीज भर्ती हो चुके है। इसके अलावा 40 अन्य रोगों से पीड़ित मरीज भर्ती हुए है।
आधा दर्जन से ज्यादा वार्ड मरीजों (Viral Fever) से भर गये है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुये अस्पताल के एसआईसी डॉ एसपी सिंह ने हड्डी वार्ड, बाल रोग वार्ड में भी अन्य रोगों से पीड़ित मरीजों को भर्ती करने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि उनके यहां दवाओं की कोई कमी नहीं है।
वायरल बुखार(Viral Fever): लक्षण, कारण और उपचार
वायरल बुखार (Viral Fever) , अक्सर अगुस्त के अंतिम सप्ताह से बदलते मौसम के साथ शुरू होता है। वायरल बुखार एक बुखार है जिसका कारण वायरस होता है। यह बुखार ज्यादातर बदलते मौसम में होता है। वायरल बुखार के वायरस कई प्रकार के हो सकते हैं, जैसे कि डेंगू, चिकनगुनिया, हेपेटाइट, और फ्लू वायरस। यह बुखार संबंधित संक्रमण के कारण होता है और यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के पास बढ़ सकता है। वायरल बुखार के लक्षण वायरस के प्रकार और व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य पर निर्भर करते हैं, लेकिन कुछ आम लक्षण होते हैं जो इस बुखार (Viral Fever) को पहचानने में मदद कर सकते हैं।
वायरल बुखार के लक्षण-
1. बुखार: वायरल बुखार के सबसे मुख्य लक्षण में से एक है जो अक्सर तेजी से बढ़ता है।
2. सिरदर्द: सिरदर्द और दर्द का अहसास हो सकता है, जो वायरल बुखार के साथ आता है।
3. थकान: व्यक्ति अत्यधिक थका हुआ महसूस कर सकता है और ऊर्जा की कमी हो सकती है।
4. बुखार के साथ शिशुदर्दी: यह लक्षण बच्चों में आम तौर से दिखाई देता है, और यह वायरल बुखार के कुछ प्रकारों के लिए विशेष रूप से संकेत कर सकता है।
5. बुखार और जुकाम: वायरल बुखार के साथ जुकाम और साइनस के संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं।
Highlights
वायरल बुखार (Viral Fever) का कारण–
वायरल बुखार (Viral Fever) का प्रमुख कारण वायरसों का संक्रमण होता है। ये वायरस व्यक्ति से व्यक्ति के व्यापक संपर्क के माध्यम से फैलते हैं, जैसे कि छूने से, खासकर संक्रमित वस्त्रों के माध्यम से, या जब संक्रमित व्यक्ति का खान पान और प्यासा व्यक्ति के साथ साझा होता है। वायरल बुखार के प्रमुख कारणों में निम्नलिखित हो सकते हैं:
1. डेंगू वायरस: डेंगू बुखार मुख्य रूप से एडीस मॉस्किटो के काटने से फैलता है।
2. चिकनगुनिया वायरस: चिकनगुनिया वायरस भी मॉस्किटो के काटने से फैलता है और स्थलांतरण कर सकता है।
3. हेपेटाइट वायरस: हेपेटाइट वायरस भारी शराब पीने, एक संक्रमित व्यक्ति के साथ सेक्स करने, और संक्रमित सुझावित सुझाव के माध्यम से फैल सकता है।
4. फ्लू वायरस: फ्लू वायरस खासकर सर्दियों में होता है और एक से दूसरे के संपर्क से फैल सकता है।
उपचार:
1. आराम और हाइड्रेशन: आपके शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए आराम और पर्यापन बहुत महत्वपूर्ण होता है। आपको पर्यापन से रहने का प्रयास करना चाहिए और पानी पीने का ध्यान रखना चाहिए ताकि आप हाइड्रेशन से बच सकें।
2. दर्द नियंत्रण: दर्द को कंट्रोल करने के लिए डॉक्टर द्वारा सुझाए जाने वाले दवाओं का सेवन कर सकते हैं। या फिर नॉर्मल कोई पेन किलर ले सकते हैं।
3. संक्रमण का उपचार: कुछ विशिष्ट वायरल बुखार के लिए उपचार उपलब्ध हो सकता है, जैसे कि डेंगू और चिकनगुनिया के लिए वैक्सीन। हेपेटाइट के कुछ प्रकार के वायरसों के लिए भी उपयुक्त दवाएं होती हैं।
4. सावधानियाँ: इसके अलावा, आपको सावधानियाँ बरतनी चाहिए, जैसे कि मॉस्किटों से बचाव के लिए मॉस्किटोनेट्स का उपयोग करना और संक्रमित व्यक्ति के साथ कुछ भी सामान शेयर करने से बचना चाहिए।