Bahraich: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के हरदी क्षेत्र में रविवार को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन यात्रा के दौरान भयानक हिंसा भड़क उठी। इस दौरान कुछ युवकों ने पथराव किया और 20 से अधिक राउंड गोलियां चलाईं, जिससे दो युवकों को गोलियां लगीं। इसमें से एक युवक की मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल है। मृतक की पहचान 22 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा के रूप में हुई है, जिसकी चार महीने पहले ही शादी हुई थी। गंभीर रूप से घायल युवक का नाम राजन है, जिसकी हालत चिंताजनक बनी हुई है।
सोमवार सुबह पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद राम गोपाल का शव परिजनों को सौंप दिया। डॉक्टरों ने बताया कि उसकी बॉडी पर गोली के अलावा चाकू के भी निशान मिले हैं। जब शव गांव पहुंचा तो वहां 5-6 हजार लोग इकट्ठा हो गए, और घटना के बाद लोगों में आक्रोश फैल गया। इसके चलते गांव में एक बटालियन पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र बल) और पांच थानों की पुलिस तैनात की गई है, साथ ही अतिरिक्त पुलिस बल को भी पड़ोसी जिलों से बुलाया गया है।
हाईवे पर जाम और तोड़फोड़, पुलिस की कार्रवाई
राम गोपाल की मौत के बाद इलाके में तनाव और बढ़ गया। लोग उग्र हो गए और बहराइच-सीतापुर हाईवे पर जाम लगा दिया। पुलिस को हालात को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। पुलिस ने दोनों पक्षों से करीब 25 लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। इस बीच गुस्साए लोगों ने सड़कों पर शव रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिसमें एक स्थानीय भाजपा विधायक भी शामिल हुए। रात करीब 11 बजे, जब पुलिस ने दुर्गा प्रतिमा का जबरन विसर्जन करवाना शुरू किया, तो हिंसा फिर भड़क उठी और पुलिस को एक बार फिर लाठीचार्ज करना पड़ा।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि जो भी माहौल बिगाड़ने की कोशिश करेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। घटना में लापरवाही बरतने के आरोप में हरदी थाने के एसओ और महसी चौकी इंचार्ज को सस्पेंड कर दिया गया है।
Bahraich: हिंसा की शुरुआत और राम गोपाल की हत्या
हिंसा की शुरुआत उस वक्त हुई जब दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया जा रहा था। इसी दौरान दूसरे पक्ष के कुछ युवकों ने प्रतिमा ले जा रहे लोगों से बहस की, जिससे विवाद बढ़ गया और पथराव शुरू हो गया। इस बीच, विसर्जन जुलूस में शामिल राम गोपाल मिश्रा को दूसरे पक्ष के लोग खींचकर एक मकान में ले गए, जहां उसकी बेरहमी से पिटाई की गई और उसे गोलियां मारी गईं, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उसे बचाने पहुंचे राजन को भी गंभीर चोटें आईं, जिन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।
राम गोपाल का पोस्टमॉर्टम तीन डॉक्टरों के एक पैनल द्वारा किया गया, जिसमें वीडियोग्राफी भी की गई। डॉक्टरों ने पुष्टि की कि गोली लगने के अलावा उसकी बॉडी पर धारदार हथियारों के भी निशान मिले हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि उस पर चाकू से भी हमला किया गया था।
ग्रामीणों का आक्रोश और मांगे
घटना के बाद राम गोपाल के शव को चारपाई पर रखकर ग्रामीणों ने महसी की ओर कूच किया। वे शव को तहसील पर रखकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। पीड़ित परिवार और ग्रामीणों की मांग है कि आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाया जाए और उन्हें फांसी की सजा दी जाए। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक प्रशासन उनकी मांगें लिखित में नहीं देता, तब तक वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। मृतक की पत्नी भी आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग कर रही है।
वीडियो फुटेज और पुलिस की कार्रवाई
घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें राम गोपाल एक मकान की छत पर भगवा झंडा लहराते हुए दिख रहा है। इसके बाद ही बवाल शुरू हुआ और छतों से पथराव होने लगा। पुलिस ने बताया कि विसर्जन यात्रा के दौरान पथराव का विरोध करने पर तनाव और बढ़ गया, जिससे भगदड़ मच गई। इस दौरान 12 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें से एक की हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस ने स्थिति को काबू में करने के लिए लाठीचार्ज किया और दोनों पक्षों से 25 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
पुलिस के अधिकारियों के अनुसार, बवाल के चलते क्षेत्र में करीब 1100 मूर्तियों का विसर्जन रोक दिया गया था। हालांकि, स्थिति शांत होने के बाद मूर्तियों का विसर्जन शुरू करवा दिया गया है।
घायलों की स्थिति और पुलिस बल की तैनाती
घटना में घायल हुए अन्य लोगों में सुधाकर तिवारी (45), सत्यवान (40), अखिलेश वाजपेयी (55), विनोद मिश्रा (60) और लाल विश्वकर्मा (55) शामिल हैं। सभी घायल वर्तमान में निजी अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं। सुरक्षा के मद्देनजर इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है और स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
Highlights
इस हिंसा ने इलाके में सांप्रदायिक तनाव को और बढ़ा दिया है, हालांकि प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश कर रहा है।
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