Vyasji Tehkhana Case: ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाने को जिलाधिकारी की सुपुर्दगी में देने की मांग संबंधी मामले में बुधवार को सुनवाई पूरी हुई। अदालत ने फैसले के लिए 18 नवंबर की तारीख दी है। कोर्ट में वादी शैलेन्द्र पाठक व्यास की तरफ से सुप्रीमकोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन साथ में सुधीर त्रिपाठी व सुभाष नंदन चतुवेर्दी, दीपक सिंह पैरोकार सोहन लाल आर्य, अंजुमन इंतजामिया की तरफ से मुमताज अहमद, एखलाक अहमद, काशी विश्वनाथ मंदिर के अधिवक्ता एएसआई से जुड़े भारत सरकार के अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव,शंभूशरण सिंह और अधिवक्ता अमरनाथ शर्मा कोर्ट में सुनवाई के दौरान मौजूद रहे।
यह मामला जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत के विचाराधीन है। इस वाद के जरिये आशंका जताई है कि अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी व्यास जी के तहखाने पर कब्जा कर सकती है। इसलिए तहखाने की देखरेख की जिम्मेदारी [Tehkhana Case] जिलाधिकारी को दी जाए। शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास ने बीते 25 सितंबर को ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी का तहखाना जिलाधिकारी को सौंपने के लिए सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में वाद दाखिल किया था।
Vyasji Tehkhana Case: 1993 के बाद तहखाने की बैरीकेडिंग की गई
वाद में कहा गया है कि व्यासजी का तहखाना वर्षों से उनके परिवार के कब्जे में रहा। वर्ष 1993 के बाद प्रदेश सरकार के आदेश से तहखाने की ओर बैरिकेडिंग कर दी गई। वर्तमान में नंदीजी के सामने स्थित व्यासजी के तहखाने का दरवाजा खुला हुआ है। ऐसी परिस्थिति में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी तहखाने पर कब्जा कर सकती है। इसलिए व्यासजी का तहखाना डीएम की सुपुर्दगी में दे दिया जाए।