- पीड़ित ने रिकवरी के लिए थाने में दिया आवेदन
वाराणसी। सजग हो जाएं, अब आप की गाड़ी अगर चोरी होगी तो कटेगी नहीं, बिहार झारखंड जायेगी बल्कि बिक जायेगी वो भी फर्जी आधार, फर्जी व्यक्ति को सामने खड़ाकर के किसी दूसरे के नाम कर दी जायेगी। ये जादूई कारनामा संभागीय विभाग से होगा और खरीदने वाले मजे से घूमेंगा क्योंकि बाइक तो अब उसकी हो गयी।
क्या गजब का खेल हुआ। 17 सितंबर 2022 में रामनगर थाना क्षेत्र के गोलाघाट निवासी रियाजुल हसन की बाइक तपोवन मोहल्ले से चोरी हो गयी थी। इस मामले में पीड़ित ने रामनगर थाने में चोरी का मुकदमा दर्ज कराया था, साथ ही डायल 112 पर भी सूचना दी थी। करीब छह महीने बाद पीड़ित को किसी के माध्यम से सूचना मिली कि उसकी बाइक जंसा की तरफ देखी गयी। ऐसे में पीड़ित रियाजुल हसन ने बाइक को ऑनलाइन वाहन पोर्टल पर बाइक नंबर चेक किया। देखा तो बाइक नंबर किसी राजू पटेल पुत्र हरिशंकर पटेल के नाम पर हैं। इसके बाद पीड़ित ने छानबीन शुरु की तो पता चला कि बाइक का रजिस्ट्रेशन फर्जी तरीके से किसी और के नाम किया गया।
पीड़ित ने सीधे तौर पर संभागीय विभाग को कटघरे में खड़ा किया और कहा कि इसमें विभाग की मिलीभगत है। खरीदारी के दौरान रियाजुल हसन का फर्जी आधार कार्ड दिया था, फोटो भी एडिटेड थी। जबकि ट्रांसफर के दौरान आधार से फोटो से का मिलान, ट्रांसफर फार्म पर विक्रेता का हस्ताक्षर का मिलान, होता आरसी पर दर्ज मोबाइल नंबर पर विभाग क्या विभाग ने संपर्क साधा? पीड़ित का कहना है कि विभागीय बाबूओं की मिलीभगत से चोरी की बाइक 12 अक्टूबर को राजू पटेल नामक व्यक्ति को ट्रांसफर किया गया।