Varanasi Loksabha : वाराणसी की राजनीति और यहाँ होने वाली सियासत से न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरा देश प्रभावित होता है। इसका कारण यहाँ पर कमलापति त्रिपाठी से लेकर चन्द्र शेखर, राज नारायण और वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे दिग्गज नेता हैं, जिन्होंने वाराणसी सीट [Varanasi Loksabha] से ही चुनाव लड़ सफलता प्राप्त की और उनका राजनीतिक ग्राफ ऊपर गया।
Varanasi Loksabha : रोचक तथ्यों के साथ पूरी लिस्ट
मगर क्या आप जानते हैं कि वाराणसी में पहली बार लोकसभा [Varanasi Loksabha] का चुनाव कौन जीता था? या क्या आपको पता है कि आजादी के बाद 1952 और 1957 में ऐसी व्यवस्था थी, जब एक लोकसभा सीट से दो-दो सांसद चुने जाते थे? आइए आपको बताते हैं, इस रोचक किस्से के बारे में और आपको लिस्ट दिखाते हैं कि 1952 से लेकर अब तक वाराणसी लोकसभा सीट [Varanasi Loksabha] से कौन-कौन सांसद रहे हैं:-
1952 रघुनाथ सिंह और त्रिभुवन नारायण सिंह (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)
1957 रघुनाथ सिंह (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)
1962 रघुनाथ सिंह (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)
1967 सत्य नारायण सिंह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी)
1971 राजाराम शास्त्री (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)
1977 चन्द्र शेखर (जनता पार्टी)
1980 कमलापति त्रिपाठी (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)
1984 श्यामलाल यादव (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)
1989 अनिल शास्त्री (जनता दल)
1991 श्रीश चन्द्र दीक्षित (भारतीय जनता पार्टी)
1996 शंकर प्रसाद जयसवाल (भारतीय जनता पार्टी)
1998 शंकर प्रसाद जयसवाल (भारतीय जनता पार्टी)
1999 शंकर प्रसाद जयसवाल (भारतीय जनता पार्टी)
2004 राजेश कुमार मिश्र (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)
2009 मुरली मनोहर जोशी (भारतीय जनता पार्टी)
2014 नरेंद्र मोदी (भारतीय जनता पार्टी)
2019 नरेंद्र मोदी (भारतीय जनता पार्टी)
2024 नरेंद्र मोदी (भारतीय जनता पार्टी)
आइए अब आपको बताते हैं कि साल 1952 और 1957 के लोकसभा चुनाव के दौरान एक ऐसी व्यवस्था थी। जब एक सीट पर दो-दो सांसदों को चुना जाता था। यह व्यवस्था इसलिए लागू की गई थी ताकि इसके चलते आरक्षित वर्ग को भी प्रतिनिधित्व मिल सके। ये चुनाव अपने आप में अनोखे होते थे। इन दोनों सीटों में से एक सीट [Varanasi Loksabha] सामान्य और दूसरी आरक्षित यानी एससी-एसटी वर्ग के लिए हुआ करती थी। हालांकि विरोध के चलते साल 1962 में इस व्यवस्था को खत्म कर दिया गया।