Woman Reservation Bill: महीनों से बनकर तैयार नये संसद भवन में कार्यवाही का मंगलवार को श्रीगणेश कर दिया गया। संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 30 फीसदी सीटें आरक्षित करने वाला महिला आरक्षण बिल मंगलवार को संसद में पेश कर दिया गया। संसद के नए भवन में लोकसभा की पहली कार्यवाही में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बिल पेश किया। इसे नारी शक्ति वंदन अधिनियम नाम दिया गया है। अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि कानून पारित हुआ तो संसद में महिला सांसदों की संख्या 181 हो जाएगी।
महिला आरक्षण बिल (Woman Reservation Bill) पर बुधवार को चर्चा होगी। लोकसभा से पास होने के बाद गुरुवार को इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। महिला आरक्षण बिल, देश की महिलाओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बड़ा गिफ्ट माना जा रहा है। अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि महिलाओं को लोकसभा में 33 फीसदी आरक्षण देने के लिए देश में लोकसभा की सीटें बढ़ाई भी जा सकती हैं।

महिला आरक्षण बिल (Woman Reservation Bill) पर श्रेय लेने की होड़
इस बीच, महिला आरक्षण बिल पर श्रेय लेने की होड़ भी मच गई है। कांग्रेस ने इसे अपना बताया है। मंगलवार को जब सोनिया गांधी संसद पहुंची और मीडिया ने उनसे पूछा तो उन्होंने कहा, महिला आरक्षण बिल अपना है।
क्या बढ़ने वाली है लोकसभा सीटों की संख्या
यदि महिलाओं को 33 फीसदी कोटा (Woman Reservation Bill) दिया जाता है, तो देश में लोकसभा की 180 सीटें बढ़ाई जा सकती हैं। संसद के नए भवन में ज्यादा सांसदों के बैठने की व्यवस्था है। इसे भी महिला आरक्षण के बहाने लोकसभा सीटें बढ़ाने से जोड़कर देखा जा रहा है।
संसद के विशेष सत्र के पहले दिन लोकसभा में महिला आरक्षण बिल (Woman Reservation Bill) पास करने की मांग उठी। खास बात यह है कि अधिकांश विपक्षी दलों ने ही इसकी पैरवी की।लोकसभा में संविधान सभा से लेकर अब तक के 75 सालों की संसदीय यात्रा पर चर्चा के दौरान कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों ने महिला आरक्षण विधेयक पारित करने समेत कई मांगें रखीं हैं।
बीआरएस के नमा नागेश्वर राव को भी उम्मीद है कि लंबे अरसे से लंबित महिला आरक्षण विधेयक (Woman Reservation Bill) को नए संसद भवन में पारित कर दिया जाएगा। विपक्षी गठबंधन के कई दलों ने यह मांग रखी है कि लोकसभा और विभिन्न विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटों को आरक्षित कर दिया जाए। वहीं, लोजपा के चिराग पासवान महिला आरक्षण बिल और राष्ट्रीय न्यायिक आयोग के गठन का समर्थन किया।