लखनऊ। उ.प्र.कृषि अनुसंधान परिषद, लखनऊ इंटरनेशनल क्राप रिसर्च इंस्टीट्यूट फार सेमी एरिड एण्ड ट्रापिक्स हैदराबाद, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद एवं भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में 25 अप्रैल को प्रात: 9:45 बजे से भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य देश में स्थित संस्थानों के दृष्टिकोण से उत्तर प्रदेश के कृषि क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी, जो भावी कृषि-नीति निर्माण में सहायक होगी। उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद गोमती नगर में सोमवार को आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान परिषद के महानिदेशक डॉ संजय सिंह ने बताया कि कार्यशाला में मंत्री, कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान, मंत्री, मत्स्य, उप्र मंत्री, उद्यान, उप्र मंत्री, पशुपालन, उप्र राज्य मंत्री, कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान को आमंत्रित किया गया है। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में डा. पंजाब सिंह, पूर्व महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद व सचिव कृषि अनुसंधान व शिक्षा विभाग, भारत सरकार, नई दिल्ली, मुख्यमंत्री, उ.प्र. के आर्थिक सलाहकार डा. के. वी. राजू, कृषि उत्पादन आयुक्त, उ.प्र. मनोज कुमार सिंह; अपर मुख्य सचिव, कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान, उ.प्र. डा. देवेश चतुवेर्दी; कुलपति, रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय विश्वविद्यालय, झांसी डा. ए. के. सिंह; उपमहानिदेशक (अनुसंधान), ईक्रीसेट, हैदराबाद डा. अरविंद कुमार, अपर मुख्य सचिव, पशुपालन एवं मत्स्य, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, उ.प्र. के साथ एफपीओ के राज्य सलाहकार भी द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में कृषि क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण बिंदुओं, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नीतिगत हस्तक्षेप के रूप में अपेक्षित सीजीआईएआर संगठनों की अपेक्षाएं, संस्थानों की गतिविधियों से उत्तर प्रदेश का कृषि क्षेत्र किस प्रकार का लाभ प्राप्त कर सकता है के संबंध में गहन विचार-विमर्श उपरांत कृषि एवं तत्संबंधी क्षेत्रों हेतु नीति निर्धारित की जायेगी।
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