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Home स्पेशल स्टोरी

कब मिली थी दादरा एवं नगर हवेली को आजादी (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli), राजनीति से लेकर अर्थव्यवस्था तक के बारे में जानें..

by Kajal Seth
August 2, 2023
in स्पेशल स्टोरी
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Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli
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Highlights

  • दादरा एवं नगर हवेली मुक्ति दिवस (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli)
  • दादरा नगर हवेली का इतिहास
  • दादरा नगर हवेली का भूगोल
  • दादरा नगर हवेली का अर्थव्यवस्था
  • दादरा नगर हवेली की राजनीति
  • दादरा नगर हवेली के जिले
  • दादर और नागर हवेली में बोली जाने वाली भाषाएँ
  • दादर और नागर हवेली में मनाए जाने वाले प्रमुख त्यौहार
  • दादरा और नागर हवेली के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल
  • दादर और नागर हवेली की वेशभूषा एवं पहनावा
  • दादर और नागर हवेली की संस्कृति और कला
  • दादर और नागर हवेली की शिक्षा व्यवस्था
  • दादर और नागर हवेली के आदिवासी/जनजाति समूह

दादरा और नगर हवेली भारत के द्वीप समूह में स्थित दो छोटे-से केंद्र शासित प्रदेश हैं। ये प्रदेश भारत के पश्चिमी भाग में स्थित हैं और महाराष्ट्र राज्य के उत्तर में स्थित हैं। दादरा और नगर हवेली अपने संबंधित नगर निगम क्षेत्र को संबोधित करते हैं जो वाशी, नागपूर, मुंबई, और सूरत से लगभग 150-200 किलोमीटर दूर स्थित हैं।

दादरा एवं नगर हवेली मुक्ति दिवस (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli)

दादरा और नगर हवेली मुक्ति दिवस (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) हर साल 2 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन भारतीय राष्ट्रीय कृत्रिम तरीके से संयुक्त राज्यस्व के बाद दादरा और नगर हवेली की आज़ादी को याद करने के लिए राष्ट्रीय उत्सव माना जाता है।

इतिहास में, दादरा और नगर हवेली (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) पहले पुर्तगाली कायम सम्राट्य के अंतर्गत थे, परंतु 1954 में इनको भारत सरकार के अधीन कर दिया गया था। बाद में 1961 में भारतीय सेना ने इन्हें अभियांत्रिकी के माध्यम से अपने अधीन कर लिया था। लेकिन अधिकतम भाग का विरोध जनसंख्या द्वारा भारतीय सरकार से मिलाने के लिए किया जा रहा था।

Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli

इस प्रकार, 2 अगस्त 1961 को पुलिस बल और वायु सेना के साथ दादरा और नगर हवेली (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) को भारतीय संघ के अधीन लिया गया था। इसलिए, हर साल 2 अगस्त को दादरा और नगर हवेली मुक्ति दिवस (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को राज्य मुक्ति दिवस के रूप में भी जाना जाता है।

इस दिवस (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) को विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, परेड, फ्लैग होस्टिंग, राष्ट्रीय गान गाने और स्कूल और कॉलेजों में विभिन्न विभागीय व्यावसायिक प्रतियोगिताओं का आयोजन करके मनाया जाता है। यह दिवस दादरा और नगर हवेली के लोगों के लिए गर्व का कारण है, जो अपने राज्य की आज़ादी को याद करके इसे धूमधाम से मनाते हैं।

दादरा नगर हवेली का इतिहास

दादरा और नगर हवेली का इतिहास (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) रियासतों, ब्रिटिश और पुर्तगाली साम्राज्य के अधीन रहने के साथ जुड़ा हुआ है। यह क्षेत्र पश्चिम भारत के पास स्थित है और अरब सागर के तट पर स्थित है।

पहले, यह क्षेत्र गुजरात के राजा शाहजी के अधीन था, जिन्होंने इसे मुगल सम्राट अकबर को अपने सम्राट्य में शामिल कर दिया। बाद में मुगल सम्राट शाहजहां ने इसे मुगल साम्राज्य के नीति में शामिल किया।

ब्रिटिश सत्ता के शासन काल में, दादरा और नगर हवेली (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) को 18वीं सदी में ब्रिटिश साम्राज्य के एक अंग बनाया गया था। इसके बाद इस क्षेत्र को पुर्तगाल राजा के अधीन सौंप दिया गया, जिससे यह दादरा, नगर हवेली और दमन और दीव के रूप में प्रसिद्ध हुआ।

स्वतंत्रता के पश्चात, भारतीय सरकार ने दादरा, नगर हवेली और दमन और दीव को अपने अधीन लिया। दादरा और नगर हवेली 1961 में और दमन और दीव 1961 में अपने संघ के अधीन सम्मिलित किए गए थे।

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दादरा, नगर हवेली, दमन और दीव को संघ के अधीन लिये जाने का मुख्य कारण भारतीय सरकार के विचारधारा के तहत इन भूभागों को भारत के मौलिक एकता में शामिल करना था।

दादरा, नगर हवेली (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) और दमन और दीव को अलग-अलग प्रशासनिक क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। दादरा और नगर हवेली दो भागों में विभाजित होता है – दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव को एक अलग से प्रशासनिक इकाई में शामिल किया गया है।

यह इतिहास क्षेत्र के प्रत्येक हिस्से के भारतीय और पुर्तगाली शासन के दौरान के ऐतिहासिक घटनाओं का संक्षेपित अवलोकन है। आज, दादरा और नगर हवेली भारतीय केंद्र शासित प्रदेश (Union Territory) के रूप में अपने विशिष्ट पहचान के साथ विकसित हुआ है।

दादरा नगर हवेली का भूगोल

दादरा और नगर हवेली (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) भारतीय केंद्र शासित प्रदेश (Union Territory) है जो पश्चिम भारत में स्थित है। यह क्षेत्र दक्षिण गुजरात राज्य के उत्तरी भाग में स्थित है और अरब सागर के तट पर बसा हुआ है।

भूगोलिक रूप से, दादरा और नगर हवेली का क्षेत्रफल लगभग 603 वर्ग किलोमीटर है। यह भू-भाग पश्चिमी घाटों के कुछ हिस्सों को शामिल करता है और समुद्र तट से थोड़ी दूरी पर स्थित है।

दादरा और नगर हवेली (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) के भूगोल में धार्मिक एवं सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण स्थल हैं। यहां विभिन्न धर्मस्थल, मंदिर, मस्जिदें, गुरुद्वारे, गिरजाघर आदि हैं जिन्हें लोग भक्ति और आध्यात्मिकता के लिए दर्शनीय स्थल के रूप में भी जाते हैं।

Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli

जलवायु रूप से, दादरा और नगर हवेली गर्मी के मौसम के साथ रहता है, जिसमें गर्म और उष्णकटिबंधीय जलवायु दिनभर में ऊंची तापमान और उच्च आर्द्रता शामिल होती है। मौसम गर्मियों में बहुत गर्म होता है, जबकि शीत ऋतु में ठंडी जानकारी देता है। यहां वर्षा मौसम में भी बारिश के दिन होते हैं, जिससे यहां के भूगर्भीय वनस्पति और पर्वतीय भूभागों की सुंदरता बढ़ती है।

दादरा और नगर हवेली (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) एक छोटे और प्रकृतिशील क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, जो अपने सांस्कृतिक धरोहर, सांस्कृतिक जीवनशैली और नैतिकता के लिए प्रसिद्ध है। यहां आने वाले यात्री और पर्यटक इसके सुंदर प्राकृतिक दृश्यों, स्थानीय बाजारों, और स्थानीय संस्कृति का आनंद लेते हैं।

दादरा नगर हवेली का अर्थव्यवस्था

दादरा और नगर हवेली (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) का अर्थव्यवस्था उन्नत नहीं है, क्योंकि यह भारतीय केंद्र शासित प्रदेश (Union Territory) है और अपनी अर्थव्यवस्था के लिए पूर्ण रूप से स्वयं नहीं उत्तरदायी है। भारत सरकार इसके प्रशासनिक और अर्थव्यवस्था का पूर्ण ध्यान रखती है।

दादरा और नगर हवेली (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) की अर्थव्यवस्था विभिन्न सेक्टरों पर आधारित है, जिनमें वित्तीय, पर्यटन, कृषि, उद्योग आदि शामिल होते हैं। वहां कुछ छोटे उद्योग और स्वदेशी उद्यमियों की विकसित और कदम रखने वाली कंपनियां हैं।

पर्यटन भी इस क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण आयाम है। यहां कुछ आकर्षक स्थान, पारंपरिक फेयर, मंदिर, गिरजाघर, और प्राकृतिक सुंदरता है जो पर्यटकों को खींचते हैं। वहां कुछ छोटे धार्मिक एवं संस्कृतिक आयात के लिए विख्यात भी हैं।

Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli

दादरा और नगर हवेली (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) का अर्थव्यवस्था को विकसित करने के लिए सरकार ने कई पहल किए हैं और उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में निवेश किया है। हालांकि, अभी भी इसके अर्थव्यवस्था में कई चुनौतियां हैं और इसे विकसित करने के लिए और काम करने की आवश्यकता है।

इसलिए, दादरा और नगर हवेली (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) का अर्थव्यवस्था विकसित करने के लिए सरकार के द्वारा अधिक सुविधाएँ और विकास की योजनाएं कार्यान्वित की जाती हैं ताकि यह क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान कर सके।

दादरा नगर हवेली की राजनीति

दादरा और नगर हवेली (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) भारतीय केंद्र शासित प्रदेश (Union Territory) है, जिसकी राजनीति भारत सरकार द्वारा नियंत्रित की जाती है। इसके लिए दादरा और नगर हवेली का नियमन संघ राज्य मंत्रियों द्वारा किया जाता है, जो भारतीय संसद के लोक सभा द्वारा निर्वाचित किए जाते हैं।

दादरा और नगर हवेली (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) के लोक सभा के सदस्य (MP) को भारतीय संसद में निर्वाचित किया जाता है और वह लोक सभा के सत्रों में अपने इस क्षेत्र के मुद्दों को उठाता है। दादरा और नगर हवेली के लोक सभा सदस्य के पास वोट की सुविधा नहीं होती है और वे सिर्फ विचारधारा के आधार पर उम्मीदवारों में से एक के रूप में निर्वाचित होते हैं।

इसके अलावा, दादरा और नगर हवेली (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) के अधिकारी भी भारत सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते हैं और इनका प्रबंधन और प्रशासन भारत सरकार द्वारा होता है।

Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli

दादरा और नगर हवेली (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) में स्थानीय स्तर पर नागरिकों को प्रतिनिधित्व के लिए समितियों का गठन किया जाता है, जो इस क्षेत्र के विकास और प्रशासनिक मुद्दों को संघटित करने में सहायक होते हैं। यह स्थानीय नेताओं के लिए एक माध्यम है जो आम जनता के समस्याओं और मांगों को सरकार के स्तर पर प्रस्तुत कर सकते हैं।

दादरा और नगर हवेली (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) की राजनीति विभिन्न राष्ट्रीय, राज्यीय, और स्थानीय स्तर पर चलती है और यह भारतीय डेमोक्रेसी के मूल तत्वों पर आधारित है। यहां भारत सरकार द्वारा नियमन किए गए कई नियम और विधियां हैं जो राजनीतिक प्रक्रिया को संचालित करती हैं और लोगों के अधिकारों का संरक्षण करती हैं।

दादरा नगर हवेली के जिले

दादरा और नगर हवेली (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli)एक केंद्र शासित प्रदेश (Union Territory) है और इसमें जिले नहीं होते हैं। भारतीय राजनीतिक प्रणाली में जिले राज्यों के अधीन आते हैं और वहां विभाजित होते हैं। लेकिन, दादरा और नगर हवेली को जिलों में विभाजित नहीं किया गया है, क्योंकि यह एक स्वतंत्र प्रशासनिक इकाई है जो भारतीय सरकार द्वारा संचालित की जाती है।

दादरा और नगर हवेली (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) केंद्र शासित प्रदेश में दो भागों में विभाजित होता है। इसमें एक भाग दादरा और दूसरा भाग नगर हवेली है। दोनों भाग एक ही प्रशासनिक इकाई के अंतर्गत आते हैं और भारत सरकार द्वारा निर्वाचित लोक सभा सदस्य के माध्यम से संसद को प्रतिनिधित्व करते हैं।

यह भाग भारत के पश्चिमी भाग में स्थित है और दक्षिण गुजरात राज्य के उत्तरी भाग में समुद्र तट से थोड़ी दूरी पर स्थित है। दादरा और नगर हवेली के रूपरेखा के पास सरदार सरोवर बांध है जो पर्यटकों के लिए एक आकर्षण स्थल है।

इस प्रकार, दादरा और नगर हवेली (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) एक केंद्र शासित प्रदेश है, जिसमें जिले नहीं होते हैं और भारत सरकार द्वारा संचालित होता है। यहां भारत सरकार के निर्देशन में अपने विकास और प्रशासनिक मुद्दों को संभालने के लिए संघ राज्य मंत्री के द्वारा प्रशासित होता है।

दादर और नागर हवेली में बोली जाने वाली भाषाएँ

दादरा और नगर हवेली (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) में कई भाषाएँ बोली जाती हैं। यहां प्रमुख भाषाएँ हैं:

हिंदी: हिंदी देश की राजभाषा है और दादरा और नगर हवेली में भी इसका उपयोग सरकारी और गैर-सरकारी कामकाज में होता है। हिंदी के अलावा, यहां आने वाले अन्य राज्यों के लोगों के बीच इंग्लिश भी अधिकतर उपयोग की जाती है।

गुजराती: गुजराती दादरा और नगर हवेली (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) में बोली जाने वाली दूसरी प्रमुख भाषा है। गुजराती भाषा और संस्कृति को लोग यहां उत्साह से स्वीकार करते हैं।

मराठी: मराठी भी इस क्षेत्र में बोली जाने वाली एक और महत्वपूर्ण भाषा है। दादरा और नगर हवेली में महाराष्ट्रीय भाषा और संस्कृति का प्रभाव भी देखा जा सकता है।

कोंकणी: कोंकणी भी इस क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा है। यह भाषा कृषि और पेशेवर संबंधित गतिविधियों में भी प्रयोग की जाती है।

सिंधी: दादरा और नगर हवेली में छोटी सिंधी समुदाय भी निवास करता है, जो सिंधी भाषा का प्रयोग करता है।

इसके अलावा, इस क्षेत्र में अन्य भाषाएँ भी बोली जाती हैं क्योंकि यह भारत के विभिन्न राज्यों से लोगों का एक संयोजनभूत समूह है। इसलिए, दादरा और नगर हवेली एक भाषाओं का समृद्ध मिश्रण है जो भारतीय संस्कृति और सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करता है।

दादर और नागर हवेली में मनाए जाने वाले प्रमुख त्यौहार

दादरा और नगर हवेली (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) में कई प्रमुख त्यौहार मनाए जाते हैं, जो यहां के लोगों के धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। नीचे कुछ प्रमुख त्यौहारों के उदाहरण दिए गए हैं:

दीवाली: दीवाली दादरा और नगर हवेली (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) में भी धूमधाम से मनाया जाता है। यह हिंदू धर्म का प्रमुख त्यौहार है जो खुशियों के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। इसमें घरों को दीपों से सजाने, पटाखे जलाने, रंगोली बनाने और स्वीट्स बनाने की परंपरा होती है।

गणेश चतुर्थी: गणेश चतुर्थी भी दादरा और नगर हवेली में प्रमुख धार्मिक त्यौहारों में से एक है। इस त्यौहार को भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है और इसे खुशी और उत्साह से मनाया जाता है।

Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli

रक्षा बंधन: रक्षा बंधन भी दादरा और नगर हवेली में मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण प्रमुख त्यौहार है। इसमें भाई और बहन के प्रेम का उत्सव किया जाता है और बहन अपने भाई को राखी बांधती हैं जिससे भाई बहन के रिश्ते को मजबूती मिलती है।

ईद: ईद भी दादरा और नगर हवेली में मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है। इसे मुस्लिम समुदाय के लोग धूमधाम से मनाते हैं और इसमें खाने का विशेष त्योहारी भोजन तैयार किया जाता है।

होली: होली भी दादरा और नगर हवेली में रंगों के त्योहार के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है। इसमें लोग रंग बरसाते हैं, गुजिया खाते हैं और आपसी भाईचारे का उत्सव मनाते हैं।

इसके अलावा, अन्य धार्मिक त्यौहार भी यहां मनाए जाते हैं और यह भारतीय संस्कृति और सांस्कृतिक विविधता को दर्शाते हैं। यहां के लोग अपने त्यौहारों को धार्मिक भावना, भक्ति और आनंद के साथ मनाते हैं।

दादरा और नागर हवेली के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल

दादरा और नगर हवेली (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) एक सुंदर और पर्याप्त पर्यटक स्थल है जो अपनी प्राकृतिक सौंदर्य, धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत, और ऐतिहासिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। यहां कुछ प्रमुख पर्यटक स्थल हैं:

सरदार सरोवर बांध: सरदार सरोवर बांध दादरा और नगर हवेली में एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। यह एक बड़ा जलाशय है जो सात रिया नदियों को आवरण करता है और यहां के पर्यटकों को शांति और सुंदरता का आनंद लेने का मौका देता है।

कावला द्वीप: कावला द्वीप दादरा और नगर हवेली का एक अच्छा जलवायु निकट द्वीप है जो पर्यटकों को समुद्री खेल, स्नोर्कलिंग, और जंगल सफारी का मजा लेने का अवसर प्रदान करता है।

Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli

खांडोली उद्यान: खांडोली उद्यान एक प्राकृतिक उद्यान है जो दादरा और नगर हवेली के पास स्थित है। यहां के पर्यटक वन्यजीवन के साथ सुंदर प्राकृतिक स्थलों का आनंद लेते हैं।

दादरा: दादरा भी पर्याप्त धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर कुछ प्रमुख मंदिर, धार्मिक स्थल और गुरुद्वारे हैं जिन्हें पर्यटक भ्रमण करते हैं।

खारबेत बीच: दादरा और नगर हवेली के पास स्थित खारबेत बीच भी एक प्रमुख पर्यटक स्थल है जो समुद्र तट की सुंदरता का आनंद लेने के लिए खास है।

तालखादी डैम: यह एक बड़ा डैम है जो पर्यटकों को एक शांति स्थल के रूप में खींचता है। यहां लोग पिकनिक का आनंद लेते हैं और प्राकृतिक सौंदर्य का लुफ्त उठाते हैं।

यहां उल्लिखित स्थान दादरा और नगर हवेली के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से कुछ हैं। यहां आने वाले पर्यटक इन स्थलों का आनंद लेते हैं और यहां के प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक धरोहर का मजा उठाते हैं।

दादर और नागर हवेली की वेशभूषा एवं पहनावा

दादरा और नगर हवेली (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) में लोगों की वेशभूषा और पहनावा भारतीय संस्कृति और राज्य के विभिन्न सांस्कृतिक प्रवृत्तियों के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं। दादरा और नगर हवेली एक केंद्र शासित प्रदेश है जिसमें भारत की संस्कृति और विभिन्न धरोहरों का मिश्रण होता है। यहां बौद्ध, हिंदू, जैन, और मुस्लिम जैसे विभिन्न धर्मीय समुदाय हैं, इसलिए वहां के लोगों की पहनावा विविधता से भरा होता है। यहां कुछ प्रमुख पहनावा और वेशभूषा के उदाहरण दिए गए हैं:

साड़ी: साड़ी भारतीय महिलाओं के लिए प्रमुख पहनावा है जो दादरा और नगर हवेली में भी प्रचलित है। साड़ी विभिन्न रंगों, डिजाइन और बनावट के साथ मिलती है और इसे नवीनीकृत भी बनाया जा सकता है।

पंचीवधनी: पंचीवधनी दादरा और नगर हवेली के लोगों के बीच एक प्रसिद्ध पहनावा है, जो पुरुषों द्वारा पहना जाता है। इसमें एक झालरी और दो ढाले शामिल होते हैं जो विविधता और सौंदर्य को दर्शाते हैं।

कुर्ता-पाज़ामा: कुर्ता-पाज़ामा भी यहां के लोगों द्वारा पसंद किया जाने वाला पहनावा है। यह पुरुषों द्वारा पहने जाने वाले एक रूप वेशभूषा है जो सज्जनता और शैली का प्रतीक है।

गारबा की ड्रेस: नागर हवेली के कुछ विशेष धरोहरों में गारबा की ड्रेस भी शामिल होती है, जो विभिन्न रंगों और डिजाइन की होती है। यह गारबा रास नाच के साथ संबंधित है जो राजस्थानी और गुजराती समुदायों में प्रचलित है।

टुर्बन: पुरुषों के बीच टुर्बन भी एक आम पहनावा है जो उनके संस्कृति और धार्मिक अनुसरण का प्रतीक है। यहां के लोग विभिन्न रंगों, कपड़ों और सृजनात्मक बनावट के साथ टुर्बन पहनते हैं।

यहां उल्लिखित पहनावा और वेशभूषा दादरा और नगर हवेली में लोगों की प्रमुख पहनावा हैं। यह भारतीय संस्कृति, धरोहर, और विभिन्न धर्मीय प्रवृत्तियों का प्रतीक हैं।

दादर और नागर हवेली की संस्कृति और कला

दादरा और नगर हवेली (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) एक ऐसे क्षेत्र हैं जो भारतीय संस्कृति और कला की विविधता को प्रदर्शित करते हैं। यहां के लोग भारतीय परंपरागत कला, संस्कृति, और धार्मिक अनुष्ठानों को धारण करते हैं, जो इस इलाके के सांस्कृतिक अधिकारी हैं। यहां कुछ मुख्य संस्कृति और कला के अंश हैं:

धार्मिक अनुष्ठान: दादरा और नगर हवेली में भारतीय परंपरागत धार्मिक अनुष्ठान अपनाए जाते हैं। हिंदू, जैन, बौद्ध, और मुस्लिम समुदायों के लोग यहां अपने धर्म से संबंधित पर्व और त्यौहार मनाते हैं, जो इस स्थान की संस्कृति के महत्वपूर्ण अंश हैं।

पारंपरिक नृत्य: दादरा और नगर हवेली में भारतीय परंपरागत नृत्य भी अपनाया जाता है। गरबा, डांडिया, भवाई, घुमर, लावणी, आदि जैसे राजस्थानी और गुजराती नृत्य यहां के लोगों के बीच प्रसिद्ध हैं।

Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli

हस्तकला: दादरा और नगर हवेली में हस्तकला और करिगरी की प्रचलित परंपरा है। यहां के लोग विभिन्न वस्त्र, आभूषण, कढ़ाई, काढ़ी, धातु काम, मेहंदी, आदि जैसे कलाओं में निपुणता प्रदर्शित करते हैं।

स्थानीय बाजार: दादरा और नगर हवेली में स्थानीय बाजार भी एक महत्वपूर्ण संस्कृतिक केंद्र हैं, जहां लोग स्थानीय हस्तशिल्प उत्पादों को खरीदते हैं।

महोत्सव और उत्सव: दादरा और नगर हवेली में विभिन्न महोत्सव और उत्सव आयोजित किए जाते हैं जो स्थानीय संस्कृति, कला, और धार्मिक अनुष्ठानों का प्रमोशन करते हैं।

यहां उल्लिखित विविधता से भरे हुए अंश दादरा और नगर हवेली की संस्कृति और कला को दर्शाते हैं। यहां के लोग अपनी संस्कृति और धार्मिक अनुष्ठानों को गर्व से बचाते हैं और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

दादर और नागर हवेली की शिक्षा व्यवस्था

दादरा और नगर हवेली (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) की शिक्षा व्यवस्था केंद्र शासित प्रदेश के रूप में संचालित होती है। शिक्षा के क्षेत्र में वहां की सरकार और अन्य संबंधित संस्थाएं शिक्षा की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए कई पहल करती हैं। शिक्षा व्यवस्था निम्नलिखित आधारों पर आधारित होती है:

प्राथमिक शिक्षा: दादरा और नगर हवेली में प्राथमिक शिक्षा (वर्ग 1 से 8 तक) की प्रदान की जाती है। इसे सरकारी और निजी स्कूलों दोनों में अध्ययनरत छात्रों के लिए उपलब्ध कराया जाता है।

माध्यमिक शिक्षा: दादरा और नगर हवेली में माध्यमिक शिक्षा (कक्षा 9 और 10) की प्रदान की जाती है। इसके लिए कई सरकारी और निजी स्कूल हैं जो छात्रों को आवश्यक अध्ययन सामग्री और संसाधनों से सुसज्जित करते हैं।

उच्चतर माध्यमिक शिक्षा: दादरा और नगर हवेली में उच्चतर माध्यमिक शिक्षा (कक्षा 11 और 12) की प्रदान की जाती है। छात्र विज्ञान, वाणिज्य और कला विषयों में अपने रुचि और अभिरुचि के अनुसार अध्ययन कर सकते हैं।

Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli

विश्वविद्यालय और कॉलेज: दादरा और नगर हवेली में विभिन्न शिक्षा संस्थान और कॉलेज भी हैं जो उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करते हैं। यहां के छात्र विभिन्न कोर्सेज में पंजीकृत हो सकते हैं और उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।

विदेशी शिक्षा: दादरा और नगर हवेली के छात्र विदेश में भी अध्ययन करने के लिए मौका प्राप्त कर सकते हैं। उन्हें विदेशी विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन करने के लिए समर्थन और मार्गदर्शन भी दिया जाता है।

दादरा और नगर हवेली (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) में शिक्षा की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए सरकार और अन्य संस्थाएं नियमित रूप से कदम उठाती हैं और छात्रों को एक उच्च स्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।

दादर और नागर हवेली के आदिवासी/जनजाति समूह

दादरा और नगर हवेली (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) एक केंद्र शासित प्रदेश हैं जिसमें विभिन्न आदिवासी और जनजाति समूह हैं। यहां के आदिवासी/जनजाति समूह भारतीय संस्कृति और ऐतिहासिक परंपराओं को बढ़ावा देते हैं और अपने विशेष संस्कृति, भाषा, और धार्मिक अनुष्ठान को संजोने के लिए प्रयास करते हैं। कुछ मुख्य आदिवासी/जनजाति समूह निम्नलिखित हैं:

वारली: वारली समूह दादरा और नगर हवेली के मुख्य आदिवासी समूह में से एक हैं। यहां के लोग अपनी विशेष भाषा, संस्कृति, और धार्मिक अनुष्ठान को बढ़ावा देने के लिए प्रयास करते हैं।

धोडी: धोडी भी एक प्रमुख आदिवासी समूह है जो दादरा और नगर हवेली में बसा हुआ है। इस समूह के लोग अपनी परंपरागत विविधता, जीवनशैली, और धार्मिक अनुष्ठान को संजोने के लिए जाने जाते हैं।

कोंकणी: दादरा और नगर हवेली में कोंकणी भाषा बोलने वाले भी कई आदिवासी समूह हैं। यहां के लोग अपनी भाषा, संस्कृति, और धार्मिक अनुष्ठान को संजोने के लिए संघर्ष करते हैं।

कातीया: कातीया भी दादरा और नगर हवेली में बसे हुए आदिवासी समूहों में से एक हैं। यहां के लोग अपने विशेष संस्कृति, भाषा, और धार्मिक अनुष्ठान को बढ़ावा देने के लिए प्रयास करते हैं।

Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli

ये आदिवासी/जनजाति समूह दादरा और नगर हवेली के सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक अनुष्ठान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और इस स्थान के सांस्कृतिक जीवन को रंगीन बनाते हैं।

इसके साथ ही बताते चलें कि दादरा और नगर हवेली का आज़ाद होने का इतिहास दादरा नगर हवेली के उन्मुक्ती दिवस (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) के रूप में जाना जाता है। यह दिवस 2 अगस्त, 1954 को मनाया जाता है, जब इस क्षेत्र को एक प्रशासकीय इकाई के रूप में स्वतंत्र कराया गया था। यह इकाई पहले पोर्टगीज स्थानीय शासन के तहत था, और बाद में यह भारत सरकार के अधीन आया।

दादरा और नगर हवेली के उन्मुक्ती दिवस (Liberation Day of Dadra and Nagar Haveli) को स्थानीय स्तर पर राष्ट्रीय उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को राज्य के विभिन्न भागों में धूमधाम से मनाया जाता है और लोग खुशियां मनाते हैं। विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रसाद वितरण, रंगबिरंगे शो और धार्मिक अनुष्ठान इस दिवस के मुख्य आयोजन होते हैं।

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