लखनऊ। शहर की सफाई व्यवस्था बे- पटरी हो गई है। शहर के कई वार्ड में कूड़ा नहीं उठ रहे हैं। स्थिति यह है कि कुछ जगहों पर टीम आती भी है तो कूड़ा वार्ड में ही डंप कर दिया जा रहा है। इसकी वजह से ज्यादातर वार्ड में सड़क डंपिंग जोन बन गए है। बता दें कि होली पर ज्यादातर कर्मचारी अपने घर चले गए ऐसे में कूड़ा उठाने वालों की कमी हो गई है। जिसकी वजह से ज्यादातर वार्ड में कूड़ा उठाने का काम ठप हो गया है। वहीं जनता की शिकायत है कि एक तरफ कूड़ा न उठाए जाने से लोग बाहर इधर उधर कूड़ा फेंकने को मजबूर हैं। पार्षद मोहम्मद सलीम, शैलेन्द्र सिंह बल्लू ,संतोष राय, अमित चौधरी, हर्षित दीक्षित समेत कई लोगों के वार्ड में कूड़ा उठाने का काम प्रभावित हुआ है। ऐसे में कई जगह आधी सड़क कूड़े से पट गई है।

शहरों में स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए गीला व सूखा कूड़ा अलग अलग उठान की व्यवस्था की गई थी। इसके लिए बकायदा अलग अलग कंपाउंड की गाड़ियां हैं। शान के आदेश के बाद भी कूड़ा उठाने में लापरवाही हो रही है। ईस्माइल गंज वार्ड द्वितीय में इन दिनों में ईकोग्रीन की गाड़ियों से कूड़ा खुले में डंप किया जा रहा है। कॉलोनी कानपुर रोड,आशियाना, शारदा नगर, मानसरोवर, ट्रांसपोर्ट नगर, सरोजनी नगर सहित दर्जनों इलाकों में कूड़ा नहीं उठने की शिकायत मिल रही है।

इन इलाकों में सबसे खराब स्थिति है। साउथ सिटी, राजाजीपुरम, जानकीपुरम, विकास नगर, अलीगंज, त्रिवेणीनगर, आलमबाग क्षेत्र व पुराने लखनऊ की स्थिति सबसे खराब है। यहां पर नियमित ईको ग्रीन की गाड़ी पहुंची ही नहीं है। सूत्रों की माने तो
1200 मीट्रिक टन कूड़ा शहर में निकलता है। जहां इसके निस्तारण की मशीनें लगी है, लेकिन अभी भी इसमें नगर निगम की डोर टू डोर टीम 700 मीट्रिक टन से ज्यादा कूड़ा नहीं उठा पाती है। बाहरी लोग करीब 500 मीट्रिक टन कूड़ा डंपिंग जोन पर डाल देते है। लखनऊ में विकास नगर सेक्टर चार, जानकीपुरम समेत कई डंपिंग जोन पर पूरे दिन कूड़ा गिरते रहता है, जबकि दोपहर 12 बजे के बाद कूड़ा डंपिंग जोन पर नहीं आना चाहिए।
sudha jaiswal