लखनऊ। शिक्षा ही मनुष्य में मानवता का संचार करती है। जब छात्रों का चारित्रिक उत्कृष्टता व जीवन मूल्यों से भरपूर सर्वांगीण विकास किया जायेगा, तभी उनमें मनुष्यता का विकास संभव है अन्यथा संस्कारविहीन शिक्षा तो अधूरी शिक्षा है, जो न तो मानवता के लक्ष्य को प्राप्त कर सकती है और न ही छात्रों का सर्वांगीण विकास कर सकती है। यह विचार सीएमएस संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने रविवार को सिटी मोन्टेसरी स्कूल, अलीगंज (प्रथम कैम्पस) द्वारा सीएमएस गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) आॅडिटोरियम में आयोजित डिवाइन एजूकेशन कान्फ्रेन्स में व्यक्त किये।
डा. गाँधी ने अभिभावकों व छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे उत्कृष्टता के लिए पूरा प्रयास करें एवं भौतिक व सामाजिक क्षेत्रों में विकास के साथ-साथ नैतिक व चारित्रिक रूप से भी महान बनें। डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स का शुभारम्भ स्कूल प्रार्थना एवं दीप प्रज्वलन से हुआ। इस अवसर पर विद्यालय के छात्रों ने ईश्वरीय भक्ति से परिपूर्ण अपने गीत-संगीत से ऐसा समां बाँधा कि दर्शक मंत्रमुग्ध हो गये। इस अवसर पर वार्षिक परीक्षा, विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं, साँस्कृतिक कार्यक्रमों व खेलकूद में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर विद्यालय का गौरव बढ़ाने छात्रों को पुरष्कृत कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विद्यालय की वरिष्ठ प्रधानाचार्या ज्योति कश्यप ने कहा कि उद्देश्यपूर्ण शिक्षा का मनुष्य के ऊपर व्यापक प्रभाव होता है।
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