पूरे प्रदेश में अब तक 23335 जनजातियों को मिला वनाधिकार का पट्टा
करमा नृत्य, शैला नृत्य व थारू जनजाति की झिन्झी नृत्य का हुआ शानदार प्रदर्शन
जनसंदेश न्यूज
सोनभद्र। महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, अद्भुत योद्धा, आदिवासी समाज में नवचेतना के सूत्रधार भगवान बिरसा मुण्डा जी की जयन्ती जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा जनजाति उत्पादों एवं विभागीय योजनाओं के स्टालों का अवलोकन कर, वनाधिकार अधिनियम-2006 के अन्तर्गत पट्टा वितरण एवं 575 करोड़ रुपए की 233 विकास परियोजनाओं का सेवा समर्पण संस्थान, सेवाकुंज आश्रम, बिरसा मुण्डा विद्यापीठ कारीडड़ चक-चपकी में लोकार्पण व शिलालान्यास किया गया।
मुख्यमंत्री जी सेवाकुंज आश्रम में सेवा संस्थान व वनाधिकार समिति के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर जनजाति सामुदाय के शिक्षा, स्वास्थ्य व स्वावलम्बन की दिशा में अग्रसर कदम उठाने पर बल दिया गया। निदेशालय जनजाति विकास उत्तर प्रदेश लखनऊ, लोक एवं जनजाति कला एवं संस्कृतिक संस्थान, सेवा समर्पण संस्थान सेवाकुंज आश्रम व जिला प्रशासन के सहयोग व सौजन्य से लगाये गये जनजाति उत्पादों एवं विभागीय योजनाओं के स्टालों का मा0 मुख्यमंत्री जी ने अवलोकन करते हुए जनजाति सामुदाय के हस्तनिर्मित परम्परागत शैली में निर्मित अद्वितीय लोक शैली में बने उत्पादों की मुक्तकण्ठ से सराहना किया। इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित लोगों से जनजाति उत्पादों को प्रयोग कर उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने में योगदान देने का आह्वान किया।
प्रदर्शनी अवलोकन के दौरान बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के स्टाल पर पहुंचकर माताओं की गोद भराई व शिशुओं को अन्नप्रासन संस्कार से आच्छादित करते हुए बच्चों को आत्मीय भाव से प्यार दुलार किया। अवलोकन के दौरान खाद्य प्रस्सकरण विभाग द्वारा लगाये गये ड्रैगन फू्रट के पेड़ व फलों का अवलोकन करते हुए जिलाधिकारी से जानकारी प्राप्त करते हुए इसके उत्पादन के बढ़ावा पर बल दिया। उन्होंने पियार फल को तोड़ते हुए प्राप्त चिरौजी के बारे में जानकारी ली। इस दौरान प्रदर्शनी में जनजाति कलाकारों द्वारा प्रसिद्ध गौंड़ी नृत्य, शैला एवं गरज नृत्य का भाव पूर्ण प्रदर्शन किया गया।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने उपस्थित अतिथिगणों के साथ दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया, इस अवसर पर जनजातीय गौरव दिवस की मूलभावनाओं को साकार करते हुए जनजाति/आदिवासी कलाकारों द्वारा प्रसिद्ध करमा नृत्य, शैला नृत्य व थारू जनजाति की झिन्झी नृत्य का परम्परागत कला शैली को जीवंत किया गया। मुंख्यमंत्री ने वनाधिकार अधिनियम-2006 के अन्तर्गत सोनभद्र जनपद की राजकुमारी, रूकमणी, रामदास,अतवरिया, फूलपत्ती, गोरखपुर के परमात्मा, महाराजगंज के •ागवानदास, बलरामपुर के चन्द्रकुमारी, बहराईच के पुट्टीलाल, बिजनौर के धन सिंह, मीरजापुर के लखपतिया, सहारानपुर के मांगा राम, चन्दौली के उदम सिंह, ललितपुर के बालचन्द्र, चित्रकूट के मुन्नी एवं गोण्डा के रोजनअली को अपने कर कमलों से पट्टा वितरण प्रमाण-पत्र उन्हें प्रदान किय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में उल्लिखित कुल 15 अनुसूचित जनजातियों में से अकेले सोनभद्र में 13 जनजातियां निवास करती हैं, जो कि पूरे देश में अधिकतम जनजाति निवास करने वाला जिला है, उन्होंने कहा सोनभद्र को यह गौरव हासिल है कि मानव जाति के उद्गम/सृष्टि की रचना करने के समय से ही यहां के जनजाति प्रकृति के साथ जुड़कर अपने अस्तित्व को बचाये रखें हैं, उन्होंने बताते हुए प्रशंसा व्यक्त करते हुए कहा कि बांदा जनपद में स्थापित मेडिकल कालेज का नाम जनजाति सामुदाय की महारानी दुर्गावती के नाम से समर्पित किया गया है।
उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री ने भगवान बिरसा मुण्डा जी के जयन्ती 15 नवम्बर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाये जाने के निर्णय के साथ कि देश के लाखों जनजातियों के त्याग व बलिदान को सम्मान देते हुए रेखांकित किया। उन्होनें कहा कि जनजाति सामुदाय धरती माता के साथ अपना सम्बन्ध जोड़कर वैदिक काल के उद्घोष- माता भूमि, पुत्रोंअहं पृथिव्या को चरितार्थ किया है, अर्थात धरती हमारी माता है, हम इसके पुत्र हैं, इसलिए हम सबको किसी प्रकार की धरती/प्रकृति को नुकसान नहीं करना है।
हमारा जनजाति सामुदाय इन वनों का रंक्षक एवं संरक्षक है, हजारों वर्षोें से गौरवशाली प्राकृतिक परम्परा के जनजाति प्रवाहक है। ब्रिटिश भारत में गुलामी के दिनों में जनजाति लोगों को हर अधिकारों से वंचित किया गया है, अधिकार का हक दिलाने में रानी दुर्गावती •ागवान बिरसा मुण्डा आदि जनजाति नायकों ने अपना बलिदान दिया था। इस अवसर पर सीएम ने 13 जिलों के 16 जनजाति भाई व बहनों को प्रतिकात्मक वनाधिकार का पट्टा प्रमाण-पत्र देते हुए जनपद सोनभद्र के कुल 3,934 जनजातियों को प्रमाण-पत्र दिया गया। उन्होंने अखिल भारतीय वनवासी सेवा आश्रम से सम्बद्ध सेवा समर्पण संस्थान की प्रशंसा करते हुए कहा कि जिसने आजादी के बाद से ही अब तक वनवासी समाज को समाज की मुख्य धारा से जोड़ते हुए उन्हें प्रगति पथ पर अग्रसर किया। संस्थान ने अपने व्यक्तिगत खर्चों से जनजाति छात्रों को पठन-पाठय की उत्तम व्यवस्था देकर उन्हें सफल बनाकर देश के विकास में अप्रतिम योगदान को रेखांकित किया। इस अवसर पर संजीव कुमार गौंड़ राज्यमंत्री, असीम अरूण राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार, समाज कल्याण प्रमुख सचिव समाज कल्याण डा हरिओम कुमार, एजीडी वाराणसी जोन राम कुमार, मण्डलायुक्त योगेश्वर राम मिश्र, डीआईजी आरपी सिंह, डीएम चन्द्र विजय सिंह, एसपही यशवीर सिंह, सीडीओ सौरभ गंगवार, एडीएम सहदेव कुमार मिश्र, आशुतोष दूबे, आनंद जी, आलोक चतुर्वेदी मौजूद रहे।