लखनऊ। प्रदेश में परिवहन विभाग द्वारा स्थापित किये जाने वाले रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपिंग फैसिलिटी (आरवीएसएफ), आटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (एटीएस) एवं ड्राइविंग टेनिंग सेन्टर (डीटीसी) की अवस्थापना निर्माण में निवेशकों को विनिवेश में सुगमता एवं गतिशीलता सुनिश्चित करने के लिए उप्र सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम प्रोत्साहन नीति-2022 में उल्लिखित प्राविधानों का लाभ निवेशकों को प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराने के लिए प्रमुख सचिव परिवहन वेंकटेश्वर लू ने सभी विभागाध्यक्ष, मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं।
प्रमुख सचिव ने बताया कि स्वैक्षिक वाहन बेड़ा आधुनिकीकरण कार्यक्रम (वीवीएनपी) वाहन स्क्रैपिंग नीति को सफल बनाने के लिए प्रदेश में आरवीएसएफ, एटीएस तथा डीटीसी की स्थापना किया जाना आवश्यक है। इस नीति का उद्देश्य पर्यावरण से प्रदूषण को कम करना, सड़क सुधार, यात्रियों तथा वाहनों की सुरक्षा, ईधन खपत क्षमता में सुधार, वाहनों की मरम्मत लागत में कमी लाना और अर्थव्यवस्था पर बहुआयामी धनात्मक प्रभाव लाना है।
प्रमुख सचिव ने बताया कि उ0प्र0 एमएसएमई नीति-2022 की नीति में किये गये प्राविधानों का लाभ परिवहन विभाग के तहत आरवीएसएफ, एटीएस एवं डीटीसी के अवस्थापना निर्माण हेतु इच्छुक निवेशकों को भी प्राप्त होंगे। इसी प्रकार एटीएस तथा डीटीसी सेवा क्षेत्र की इकाईयॉ है। इन इकाईयों को भी उप्र एमएसएमई प्रोत्साहन नीति-2022 के अंतर्गत विनिर्माण संबंधी सेवाओं में कामन फैसिलिटी सेन्टर के रूप में लाभांवित किया जायेगा। परिवहन विभाग की उपरोक्त इकाईयों को उप्र एमएसएमई नीति-2022 से लाभांवित किये जाने के लिए ऐसी स्थापित होने वाली समस्त इकाईयॉ अनिवार्य रूप से उद्यम रजिस्टेज्शन पोर्टल पर अपना पंजीकरण करायेगी।
sudha jaiswal